शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

हनीट्रेप मामले में, कोर्ट ने पुलिस का रिमांड आवेदन निरस्त कर, आरोपी स्वप्न सुंदरियों को जेल भेजा, पुलिस की कार्यवाही को झटका

हनीट्रेप मामले में, कोर्ट ने पुलिस का रिमांड आवेदन निरस्त कर, आरोपी स्वप्न सुंदरियों को जेल भेजा, पुलिस की कार्यवाही को झटका


 


लेपटाप, मोबाईल की जाँच में आरोपियों की क्या जरूरत ? जमानत पर सोमवार को होगी सुनवाई


इंदौर । (राजेन्द्र के. गुप्ता 98270-70242) हनीट्रेप मामले में कल दोपहर तक पुलिस वाह-वाही लूट रही थी, सोशल मीडिया और अखबारो में पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्रियों, इंदौर के पूर्व कलेक्टर सहित  कई आईएएस अफसरों पर छींटे उड़ते रहे । शाम को कोर्ट ने पुलिस को जौरदार झटका दे दिया और आरोपियों की तीन दिन की माँगी गई रिमांड आवेदन को निरस्त कर, आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया । सोमवार को एक श्वेता की जमानत अर्ज़ी पर सुनवाई होगी । फिलहाल जमानत आवेदन भी एक ही आरोपी की तरफ से है लगाया गया है । एक आरोपी की तरफ से सुरेन्द्र वर्मा ने पक्ष रखा ।


वकील ने कहा जाँच लेपटाप, मोबाईल की करना है, आरोपी की क्या जरूरत -


श्वेता स्वप्निल जैन के वकील अमर सिंह राठौर ने बताया की पुलिस ने आरोपियों से जप्त लेपटाप, मोबाईल आदि की जाँच करना है उसमें आरोपी की क्या जरूरत ? वीडियो कहा - कहा बनाए, जप्त 14 लाख 17 हजार सहित अन्य बिंदुओं  के बारे में एक दिन की रिमांड और हिरासत अवधि में पूछताछ कर चुके है और वो जप्ती में है ।


सोमवार को होगी जमानत पर सुनवाई -


श्वेता स्वप्निल जैन के वकील अमर सिंह राठौर के अनुसार उन्होंने श्वेता की ज़मानत के लिए आवेदन लगाया है जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी । एडवोकेट राठौर का कहना है की पुलिस ने मेरी क्लाईट को मिलवाने के आरोप में पकड़ा है, किसी को मिलवाना अर्थात परिचय करवाना अपराध है क्या ? इसी प्रकार ड्रायवर का सिर्फ ड्रायवरी करना जुर्म है क्या ?


ये है वास्तविक स्थिति -


हमने पहले ही लिख दिया था, आरोपियों को जल्दी मिल सकती है जमानत, दर्ज एफआईआर में से कुछ धाराओ में, पुलिस आरोपियों पर आरोप कोर्ट में साबित नही कर पाएगी, शुरुआत में ही पुलिस को कोर्ट में मात खाना पड़ी है । जिससे यह साबित होता है कि प्रकरण को लेकर हमारा आकलन और जानकारी पुख़्ता है । अगर सोमवार को एक भी  आरोपी को जमानत मिल जाती है तो पूरे मामले की हवा निकल जाएगी । हालाँकि जानकारी के मुताबिक दूसरी आरोपी महिला श्वेता पति विजय जैन के खिलाफ पुलिस के पास काफ़ी सबूत है। आरती और मोनिका भी सीधे रूप से ब्लैकमेलिंग में शामिल है ।


 


पुलिस केस को बड़ा बनाने के चक्कर में, वो धाराएँ भी एफआईआर में लगा देती है, जो घटित ही नही हुआ, हर धारा की आपराधिक परिस्थितियाँ स्पष्ट है । लगाई गई धराओं को कोर्ट में स्टेबल करना इसलिए भी कठिन होता है।


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