पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जिले के कर्मचारियो ने रैली निकालकर दिया ज्ञापन ।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन अभियान मध्य प्रदेश के कोर कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष शालिकराम चौधरी के नेतृत्व में रैली निकालकर तहसीलदार मोहोदयजी को महामहिम राष्ट्रपति महोदय , प्रधानमंत्री महोदय ,एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय ,के नाम ज्ञापन देकर निराकरण की मांग की, इस अवसर पर शालिकराम चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सन 2005 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को पेंशन के लाभ से वंचित किया गया था,और इससे पहले नियुक्त सभी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय वेतन का आधा वेतन पेंशन के रूप में प्रतिमाह सरकार द्वारा दिया जाता था । जो कि सही एवं न्याय संगत था। जिसे बदल कर केंद्र सरकार ने सन 2005 में न्यू पेंशन स्किम में बदल दिया गया था , तभी से आज तक देश के समस्त कर्मचारी संगठन मांग करते आये है कि पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए किंतु सरकार स्वार्थ वश टालती आई है। केंद्र की एवं राज्य की सरकारें यह कहती है कि नई पेंशन योजना बहुत अच्छी है जबकि वास्तविकता कुछ और ही है केंद्र सरकार इस योजना के माध्यम से निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही है,और सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को कितना भुगतान होना चाहिए इस बात की कोई गारंटी सरकार द्वारा नहीं ली गई है इसी के चलते असंतोष पनप रहा है और आज राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में देश में दिखी रहा है।
महाराष्ट्र से पधारे मूवमेंट के पदाधिकारी प्रदीप सोनटक्के ने बताया कि यदि हर कर्मचारी पेंशन बहाली को लेकर सक्रिय एवं गंभीर हो जाए तो प्रदेश एवं देश की सरकार 1 दिन भी गुजारा नहीं कर सकती इन्हें चाय नाश्ता खाना आना-जाना प्रदेश के देश के कर्मचारियों के भरोसे ही करना पर होता है,और उन्हीं कर्मचारियों को एन पी एस जैसी योजना लागू कर मूर्ख बना रहे हैं देश के नेता जो कि न्याय संगत नहीं है,सरकार को शीघ्र निर्णय लेकर पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए।
मूवमेंट से जुड़े हुए महाराष्ट्र से पधारे विनायक चोटे जी ने बताया कि देश के प्रत्येक कर्मचारी ने जिन्हें एनपीएस लागू है उन्हें लड़ाई में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए और शासन की शोषणकारी नीतियों का विरोध करना चाहिए ताकि आने वाले समय में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल सके और बताया कि जब 1 दिन का विधायक और सांसद पुरानी पेंशन का लाभ ले सकता है तो 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को इससे मैहरूम रखना न्याय संगत नहीं है और वर्तमान की कमलनाथ सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन को बहाल करने हेतु उल्लेख किया है जिसे पूरा किया जाना कर्मचारियों के हित में होगा।
समस्त कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों पर यह आरोप लगाया है कि न्यू पेंशन स्कीम इतनी अच्छी है तो विधायकों एवं सांसदों पर लागू क्यों नहीं किया गया है । इससे स्पष्ट होता है, केंद्र सरकार और राज्य सरकार कर्मचारियों के भविष्य के प्रति गंभीर नहीं है वे शोषणकारी नीतियों को लागू कर कर्मचारियों का नुकसान कर रही है।
अतःदेश एवं प्रदेश के समस्त कर्मचारी संगठन मान,प्रधान मंत्रीजी एवं मान, मुख्यमंत्रीजी से मांग करते है कि पुरानी पेंशन बहाल कर कर्मचारियों को लाभ दिया जाए और न्यू पेंशन स्कीम को बंद किया जाए।
उक्त रैली में श्री प्रदीप सोनटक्के, श्री विनायक चौटे जी (महाराष्ट्र) , श्री राजेश साल्वे, आसिफ़ खान, विजेश राठौर, मो . फहीम, मो . अनिस, बहादुर मीर, संतोष निंभोरे, स्वप्निल महाजन सुनिल कोटवे जयराम निराले मुन्ना मुजाल्दे अनिल निकम, अजय नार्वे, श्री रंधा जी, सविता ठाकरे, भारती मेहता रूपेश जोशी शालीक चौधरी विजेश राठौर शैलेश लिमय कैलाश जयवंत विजय महाजन अतुल उईके सुधाकर माकुन्दे ईश्वर घेटे मनोज जैसवाल आदि जिले के सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थे।