तत्कालीन सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी को भ्रष्टाचार के आरोप में पत्नी सहित 4-4 वर्ष का कारावास एवं 5-5 लाख रू के अर्थदण्ड से दंडित किया गया
बुरहानपुर- माननीय प्रथम अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संजीव कुमार गुप्ता द्वारा आरोपी राघवेन्द्र उर्धिया एवं श्रीमती सत्यमती उर्धिया बुरहानपुर को पृथक-पृथक धाराओ में चार-चार वर्ष कारावास एवं 5-5 लाख रू के अर्थदण्ड से दंडितकिया गया । प्रकरण की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुये जिलाअभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम ने बताया गया किशिकायतकर्ता श्री सुनिल मोर्य निवासी छनेरा (डोंगरगॉव)जिला खंडवा ने आरोपी राघवेन्द्र के विरूद्ध शिकायत आर्थिक अपराध ब्यूरो, भोपाल में की गई थी जिस पर जॉच में पाया कि राघवेन्द्र उर्धिया सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी शेखपुरा जिला बुरहानपुर द्वारा भ्रष्टाचार कर जो राशि संग्रहित कि हे उससे पत्नि के नाम जमीन क्रय करने में, पत्नि के नाम पर बेंक में जमा करने में,मारूति वेन क्रय करने में तथा बच्चो कि शिक्षा पर भ्रष्टाचार द्वारा कमाये गये लाखो रूपये खर्च किये गये। जॉच के दौरान उपलब्ध दस्तावेजो के आधार पर पाया गया कि राघवेन्द्र उर्धिया सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी शेखपुरा जिला बुरहानपुर द्वारा अपनी पत्नि श्रीमति सत्यवती उर्धिया के नाम बैंक ऑफ इंडिया शाखा बोरगॉव बुजुर्ग में बचत खाता क्रमांक 951110100005852 खोला गया उक्त बचत खातें में नवम्बर 2008 से फरवरी 2012 तक कि अवधि में कुल 10,21,620/-रू नगद जमा किया गये दिनांक 23.10.2007 को एक पुरानी मारूती वेन क्रमांक एम. पी. 07 ई 3484 रूपये 1,16,500/- में अपने स्वयं के नाम से क्रय कि गयी थी उक्त वाहन क्रय करने की अनुमति विभाग से प्राप्त नहीं कि गई एवं बगैर सूचना वाहन क्रय किया गया दिनांक 21.03.2007 को ग्राम छनेरा के धनिया पिता कालू जाति हरिजन कि कृषि भूमि 30,000/-रू पॉच वर्ष के लिए गिरवि रखी थी। शासकीय सेवा में रहते हुए उक्त कृषि भूमि का अनुबंध किया गया। राघवेन्द्र उर्धिया कि नियुक्ति दिनांक 05.04.1994 से चेक पिरियड अवधि दिनांक 01.03.2012 तक पद स्थापना सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी के पद पर उप संचालक पशु चिकित्सा सेवांए जिला खंडवा जिला शाजापुर एवं जिला बुरहानपुर कार्यालय में रही उक्त अवधि के वेतन एवं भत्तो कि जानकारी प्राप्त कि गयी। अनावेदक राघवेन्द्र उर्धिया कि सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी के पद पर पद स्थापना के दोरान चेक पिरियड अवधि दिनांक 05.04. 1994 से दिनांक 01.03.2012 तक प्राप्त दस्तावेजो के आधार पर कुल वेतन मद से प्राप्त आय 18,17,073/- रूपये होना पाया गया।
आरोपी राघवेन्द्र उर्धिया कि संम्पत्ति कि जॉच के दौरान उसकी वैध स्त्रोतो से प्राप्त आय 12,65,235/- रू होना पाई गई एवं संपूर्ण गणना पश्चात उसकी कुल चल अचल संम्पत्ति राशि 21,23,633/- रू पाई गई।इस तरह आरोपी राघवेन्द्र उर्धिया कि 8,58,398/-रू आय से अधिक संम्पत्ति होना पायी गयी। अत: संपूर्ण जॉच विवेचना से आरोपी राघवेन्द्र उर्धिया द्वारा शासकीय कर्तव्यो के दोरान अपने पद पर रहते हुऐ वेध स्त्रोत से अर्जित आय कि तुलना में अवेध साधनो से अर्जित आय 45.45 प्रतिशत अधिक कि अनुपातहिन संम्पत्ति अर्जित करना प्रमाणित पाया गया।
संम्पूर्ण विवेचना से आरोपी राघवेन्द्र उर्धिया के विरूध्द धारा 120बी भादवि, 13(1)डी,ई,13(2)भ्र.नि.अधि.1988 एवं उसकी पत्नी आरोपीया श्रीमती सत्यवती उर्धिया के विरूध्द धारा 120बी भादवि का अपराध प्रमाणित पाया गया है।
प्रकरण में सफलतापूर्वक पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम द्वारा करते हुए विचारण पश्चात आरोपीगण को मा. न्यायालय से आरोपीगण राघवेन्द्र उर्धिया को 120बी भादवि, 13(1)डी,ई,13(2)भ्र.नि.अधि.1988 एवं श्रीमती सत्यवती उर्धियाको धारा 120बी भादवि में 4-4 वर्ष कारावास एवं 5-5 लाख अर्थदण्ड से दंडित कराया।