विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि घोषित, 21 को मतदान, 24 अक्टूबर को परिणाम
(विशेष सम्पादक विजय शर्मा)
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। केंद्रीय चुनाव आयोग चुनाव तिथियों की घोषणा कर दी है। राज्य में चुनाव नोटिफिकेशन 27 सितंबर को जारी होगा।4 अक्टूबर को नामांकन का आखिरी दिन होगा। 5 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 7 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 अक्टूबर को मतदान, जबकि दीपावली से पहले 24 अक्टूबर को मतगणना होगी। चुनाव तिथियां घोषित होते ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लग गई है। दोपहर बाद हरियाणा निर्वाचन कार्यालय ने भी प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है।
करीब ढाई करोड़ की आबादी वाले हरियाणा में एक करोड़ 83 लाख मतदाता अपनी पसंद की नई सरकार चुनने को तैयार हैं। राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। हरियाणा में करीब एक करोड़ 83 लाख मतदाता हैं। इस बार 98 लाख 33 लाख 323 पुरुष और 84 लाख 65 हजार 152 महिलाएं लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति डालेंगे। मतपेटी की जगह ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) ने ले ली।
पर्ची पर मुहर लगाने के बजाय बटन दबाने का चलन शुरू हो गया। तकनीक के बूते मतदान प्रक्रिया को अधिक से अधिक पारदर्शी बनाया जा रहा है, लेकिन सौ फीसद मतदान का लक्ष्य अभी भी अधूरा है। हालांकि अधिकतम वोटिंग के लिए आयोग के प्रयास रंग लाए जब वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में मतदान फीसद 76.13 पहुंच गया। इसके साथ ही हरियाणा गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव में मतदान का रिकार्ड टूट गया। पांच दशक पहले हुए चुनावों में तब 72.65 फीसद लोगों ने वोट डाले थे।
हरियाणा 1967 से 2019 तक पहुंचते पहुंचते कई पड़ाव पार कर चुका है। साक्षर होने से लेकर हर मायने में जनता जागरूक हुई है, लेकिन चुनाव का मत प्रतिशत बढ़ाने में आयोग के पसीने छूट गए। केंद्रीय चुनाव आयोग और हरियाणा निर्वाचन विभाग भी इसे लेकर पशोपेस मे हैं, कि आखिर क्यों लाख कोशिशों के बावजूद सौ प्रतिशत मतदान आज भी सपना है।
केंद्रीय चुनाव आयोग व राज्य निर्वाचन विभाग ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय खिलाडिय़ों व कलाकारों तक का सहारा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन सौ फीसद मतदान के जादुई आंकड़े के पास पहुंचना तो दूर, मुश्किल से 75 का आंकड़ा पार कर सका है।
निर्वाचन विभाग ने हालांकि अब अपनी रणनीति बदली है और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं को वोट की ताकत समझाने के साथ ही पढ़े लिखे वर्ग पर ज्यादा फोकस करना शुरू किया है। अब देखना यह है कि अगले महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत पुराने सारे रिकार्ड तोड़ देता है या फिर मायूसी ही हाथ लगती है।
बादशाहपुर सबसे बड़ा और नारनौल सबसे छोटा हलका
हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों में गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट पर राज्य में सबसे ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। महेंद्रगढ़ जिले की नारनौल विधानसभा सीट राज्य में सबसे छोटी है, जिस पर सबसे कम मतदाता हैं। बादशाहपुर हलके में मतदाताओ की संख्या तीन लाख 87 हज़ार 760 है, जबकि नारनौल में इसके आधे से भी कम यानी एक लाख 43 हज़ार 780 मतदाता अपनी वोट डाल सकेंगे।
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प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या जनवरी 2019 तक एक करोड़ 73 लाख 55 हज़ार 247 थी, जो इसी साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल 2019 तक एक करोड़ 80 लाख 56 हजार 896 दर्ज की गई। अगस्त 2019 के अंत तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर एक करोड़ 82 लाख 98 हज़ार 714 हो गई, जिनमें 98 लाख 33 लाख 323 पुरुष मतदाता और 84 लाख 65 हज़ार 152 महिला मतदाता हैं।
सबसे अधिक मतदाता फरीदाबाद जिले में
हरियाणा के 22 जिलों में सबसे अधिक मतदाता फरीदाबाद में 14 लाख 94 हज़ार 72, जबकि सबसे कम चरखी दादरी जिले में तीन लाख 81 हजार 745 हैं। पंचकूला जिले में यह संख्या तीन लाख 83 हजार 935, अंबाला जिले में आठ लाख 41 हजार 578, यमुनानगर जिले में आठ लाख 46 हजार 661 हैं। जिला कुरुक्षेत्र में सात लाख 11 हज़ार 419, कैथल में सात लाख 65 हज़ार 483, पानीपत में आठ लाख 43 हजार 356 और सोनीपत जिले में 10 लाख 73 हजार 915 मतदाता हैं।
जींद जिले में नौ लाख 53 हजार 746, फतेहाबाद में छह लाख 74 हजार 553, सिरसा जिले में नौ लाख 43 हजार 397, हिसार जिले में 12 लाख 41 हजार 243, करनाल जिले में 10 लाख 92 हज़ार 892, रोहतक में सात लाख 75 हजार 591, झज्जर जिले में सात लाख 36 हजार 880, महेंद्रगढ़ में छह लाख 79 हजार 481, रेवाड़ी में 6 लाख 83 हजार 605, भिवानी जिले में आठ लाख 17 हज़ार 913 और गुरुग्राम जिले में 11 लाख 92 हज़ार 141 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
नूंह जिले में पांच लाख 49 हजार 308 और पलवल जिले में छह लाख 15 हजार 800 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। हरियाणा में रजिस्टर्ड किन्नर मतदाताओं कि संख्या भी इस वर्ष अप्रैल माह की संख्या 207 से 32 बढ़कर 239 हो गई है। सबसे अधिक 44 फरीदाबाद जिले में एवं सबसे कम 2- 2 रोहतक, रेवाड़ी और यमुनानगर जिलो में हैं। प्रदेश के वर्तमान 22 जि़लों में सबसे अधिक विधानसभा क्षेत्र हिसार जि़ले में सात है जबकि फरीदाबाद और सोनीपत में यह छह-छह हैं। करनाल, जींद और सिरसा जिले में पांच पांच, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, भिवानी, रोहतक, झज्जर, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिलों में चार-चार विधानसभा क्षेत्र हैं। फतेहाबाद, मेवात, रेवाड़ी और पलवल जिलों में तीन तीन एवं पंचकूला और चरखी दादरी जिलों में दो-दो विधानसभा हलके हैं।
प्रदेश में कुल मतदाता
जिला मतदाता
1. फरीदाबाद 14,94,072
2. चरखी दादरी 3,81,745
3. पंचकूला 3,83,935
4. अंबाला 8,41,578
5. यमुनानगर 8,46,661
6. कुरुक्षेत्र 7,11,419
7. कैथल 7,65,483
8. पानीपत 8,43,356
9. सोनीपत 10,73,915
10. जींद 9,53,746
11. फतेहाबाद 6,74,553
12. सिरसा 9,43,397
13. हिसार 12,41,243
14. करनाल 10,92,892
15. रोहतक 7,75,591
16. झज्जर 7,36,880
17. महेंद्रगढ़ 6,79,481
18. रेवाड़ी 6,83,605
19. भिवानी 8,17,913
20. गुरुग्राम 11,92,141
21. नूंह 5,49,308
22. पलवल 6,15,800
विधानसभा चुनावों में पड़े वोट
वर्ष कुल मतदाता मतदान प्रतिशत
1967 43,87,980 72.65
1968 45,52,539 57.26
1972 50,91,082 70.46
1977 59,38,821 64.46
1982 71,52,281 69.87
1987 87,00,628 71.24
1991 97,31,912 65.86
1996 1,11,55,242 70.54
2000 1,11,53,183 69.01
2004 1,27,35,888 71.96
2009 1,31,16,965 72.29
2014 1,63,03,742 76.13
(नोट : आंकड़े निर्वाचन विभाग के अनुसार)