मंगलवार, 1 अक्तूबर 2019

देश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड के सभी आरोपियों को 14 अक्टूबर तक जेल भेजा

 देश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड के सभी आरोपियों को 14 अक्टूबर तक जेल भेजा



इंदौर- देेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में मंगलवार को कोर्ट ने पांचाें महिला आरोपियोंको 14अक्टूबर तकजेल भेज दिया। रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने मेडिकल के बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट में एक आरोपी केवकील ने एसआईटीपर टॉर्चर का आरोप लगाया। वहीं, मीडिया ने जेल जाते वक्तएक आरोपी से पूछा कि आप लोगों पर भाजपा या कांग्रेस में से किसका प्रेशर है तो आरोपी महिला ने कांग्रेस कहा और जेल के अंदर चली गई।


 
 
मंगलवार सुबह एमवाय अस्पताल में मेडिकल के बाद पुलिस सभी को न्यायधीश मनीष भट्‌ट की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को जेल भेजने के आदेश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख दी।इसके पहले पुलिस ने आरोपी श्वेता पति विजय, श्वेता पति स्वप्निल तथा बरखा सोनी को सोमवार को भोपाल कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें एक दिन की ट्रांजिट रिमांडपर भेज दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने सभी को मंगलवार को 11 बजे जिला कोर्ट में पहूची 


आरोपीमहिला की वकील ने कहा, मेरी मुवक्किल ने व्यक्तिगत तौर पर बताया कि पुलिस उनसे झूठी बातें लिखवाना चाहती थी, ऐसाकरने से मना करने पर उसके साथ मारपीट की गई। उसे मेंटल ट्रामा भी दिया गया। हमने न्यायालय में इस पक्ष को रखते हुए विरोध किया औरहाथ में लगी चोट भी कोर्ट को दिखाई।इस पर न्यायालय ने तत्काल मेडिकल की बात कही।'


आरती का खुलासा, हरभजन को ब्लैकमेल करने में श्वेता विजय थी मास्टरमाइंड
इंदौरनगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को ब्लैकमेल करने में पर्दे के पीछे मास्टरमाइंड श्वेता विजय जैन है। उसी ने आरती दयाल को हरभजन से मिलवाया। पूछताछ में आरती ने कबूला कि उसे श्वेता ही कमांड कर रही थी। जब आरती ने ब्लैकमेलिंग के लिए 3 करोड़ मांगे तो हरभजन ने राशि ज्यादा होने की बात कही। इस पर आरती ने एक फोन लगाया और राशि 2 करोड़ कर दी। वह फोन श्वेता को ही लगाया गया था। एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र के अनुसार सभी से अलग-अलग पूछताछ में श्वेता के मास्टमाइंड होने का खुलासा हुआ। श्वेता का मानना था कि उसके भाई की हरभजन ने कई ठेकों में मदद की है, इसलिए वह सीधे ब्लैकमेल नहीं कर सकती।


आरती ने ठेके की मांग की, लेकिन हरभजन ने ध्यान नहीं दिया


आरती ने कबूल किया कि श्वेता ने इस काम के लिए मेरी मुलाकाल हरभजन से करवाई। आरती ने ठेके की मांग की, लेकिन हरभजन ने ध्यान नहीं दिया। 30 से ज्यादा बार मुलाकात के बाद भी हरभजन ने आरती की मदद नहीं की तो श्वेता ने प्लान बनाया कि उसे अब छात्रा के मार्फत ब्लैकमेल करवाया जाए। उसकी एक-दो वीडियो बनाई जाए। इसके बाद ही इंदौर की दो होटलों में हरभजन के वीडियो बनाए गए। ब्लैकमेलिंग की डिमांड आने के बाद हरभजन आरती से मिलने आमेर होटल पहुंचा। कहा कि ये ज्यादा रुपए हैं। फिर आरती ने श्वेता को फोन लगाया। श्वेता ने कहा कि एक करोड़ कम कर दो। इंजीनियर समझ नहीं पाया कि आरती ने किसको फोन किया है। इसलिए उसने रिपोर्ट लिखवाने के दौरान भी श्वेता का नाम दर्ज नहीं करवाया था।


साभार 
दैनिक अग्नि आलोक


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