कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने समन्वय बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिये कि जिला अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी अनिवार्यरूप से अपने अनिर्धारित विकासखण्ड मुख्यालय में ही रहें। इसके लिये जिला अधिकारी समय-समय पर अपने अधीनस्थों से मुख्यालय में मुलाकात करें। यदि विकासखंड स्तरीय अधिकारी मुख्यालय में रहेंगे तो ग्रामीणों के काम आसानी से होंगे और उन्हें हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ शीघ्रता से मिलेगा। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दास्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिला-स्तरीय दल समय-समय पर निरीक्षण करेगा।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा, सहायक कलेक्टर शिशिर गेमावत, अपर कलेक्टर श्रीमती इला तिवारी, एसडीएम फरहीन खान, डिप्टी कलेक्टर अनुराग नायक सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने निर्देश दिया कि ऊर्जा विभाग अपने समस्त 27 वितरण केन्द्रों में योजनाओं संबंधी फ्लैक्स लगाये और जनसुनवाई कर ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करें।
उन्होंने कहा कि आपकी सरकार आपके द्वार एवं सीएफटी स्तर पर आयोजित शिविर मात्र औपचारिक न बने सभी जिला अधिकारी ग्रामीणों को हितलाभ वितरित करें। नगर पंचायतें एक सप्ताह पूर्व से अभियान चलाकर नगर की सफाई करें, नालियों की सफाई करें, सुनिश्चित किया जाये कि नगरवासियों को शुद्ध पेयजल मिले। स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर इन्द्रधनुष कार्यक्रम में छूटे बच्चों का टीकाकरण करें, एलसीडी कार्यक्रम में तीन रोगों का इलाज करें। उप संचालक कृषि एवं सहकारी बैंक सोसाइटी को क्रेडिट लिमिट देकर उर्वरक एवं पर्याप्त बीज का भण्डारण करें। कृषि विभाग मिनी किट वितरित करें, सोलर पंप, स्प्रिकंलर सेट, कृषि उपकरण एवं अन्य हितलाभ का वितरण ग्रामीणों को करें। समस्त जिला अधिकारी राज्य मंत्री, सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधियों के पत्रों को महत्व दें। पत्र में उल्लेखित परेशानियों का तुरंत निराकरण करें। शहर में स्थित गौशालाओं का उचित व्यवस्थापन कर व्याप्त गंदगी एवं प्रदूषण को नगर निगम दूर करें।