गुरु नानक देव जी जयंती के 550 वें प्रकाश पर्व पर शुभकामनाएं ।
गुरूनानक देव जी की चरणों से पवित्र हुई बुरहानपुर की भूमी, ताप्ती नदी के किनारे ठहरे थे गुरुनानक देवजी
बुरहानपुर- सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानकदेवजी ताप्ती तट पर जिस जगह विराजे थे, राजघाट का वह प्राचीन गुरुद्वारा आज भी विद्यमान है। राजघाट गुरुद्वारे के ज्ञानी मुकुंदसिंहजी एवं लोधीपुरा बड़े गुरुद्वारे के ज्ञानी चरणसिंहजी बताते हैं कि भक्तों को मार्गदर्शन देने और सच्चा रास्ता दिखाने के लिए गुरुनानकदेवजी ने कई यात्राएं की। वे संभवत: नासिक से होते हुए मप्र के बुरहानपुर पहुंचे थे। यहां वे ताप्ती नदी के कि नारे ठहरे थे। यहां से वे ओंकारेश्वर गए और फिर इंदौर। महिपतजी ने अपनी पुस्तक लीलावती में इंदौर यात्रा का वर्णन किया है।
राजघाट स्थित प्राचीन गुरुद्वारे में गुरुनानकदेवजी कु छ दिन रुके थे और भक्तों को दर्शन और प्रवचन दिए थे। सिखों के दसवें गुरु गोविंदसिंहजी भी बुरहानपुर के लोधीपुरा स्थित बड़े गुरुद्वारे में कुछ दिन रुके थे। आज गुरु नानक देव जी की जयंती 550 वें प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर "पब्लिक लुक" एवं "स्कूल प्रहरी" परिवार की ओर से सभी लोगों को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।