जाते जाते सुनकर जाना, लौटकर गुरूवर वापस आना
4 माह के चातुर्मास के बाद जैन श्वेताम्बर संतो का हुआ विहार
खिरकिया। वर्षाकाल के दौरान नगर में चातुर्मास करने वाले जैन श्वेताम्बर संत दिलीपमुनि मसा, अतिषयमुनि मसा एवं जयंतमुनि मसा आदि ठाणा 3 का चातुर्मास काल पूर्ण होने पर बुधवार को नगर से विहार हुआ। दोप. 3 बजे मसा का विहार जैन श्वेताम्बर मांगलिक भवन से हुआ, जो मुख्यमार्ग, मुख्य चैराहे होकर बस स्टेंड, वन डिपो से होते हुए बायपास मार्ग से पोखरनी पहुंचे। जिसमें गुरूवर की जय जयकार के साथ जाते जाते सुनकर जाना, लौटकर गुरूवर वापस आना जैसे शब्दो के साथ मसा के साथ पैदल चलकर श्रावक श्राविकाओं ने विहार कराया। पोखरनी में वे रमेष गंगराडे के निवास पर विराजित हुए। विहार यात्रा में पुरूष सफेद एवं महिला लाल रंग के वस्त्र धारण किया गया था। विहार यात्रा के पूर्व धर्मसभा मंे श्रावक श्राविकाओं ने मसा के प्रति भावों की अभिव्यक्ति की। जिसमें अनिल जैन, रष्मि श्रीश्रीमाल, आगम रांका, मौसमी भंडारी, छाया भंडारी, अनुज रांका, पुष्पा कोचर, मंजू रांका, निर्मलादेवी विनायक्या, संगीता भंडारी, मौसमी मुणोत ने भावों की अभिव्यक्ति से विहार सभा को भाव विभोर कर दिया। दिलीपमुनि मसा ने अपने प्रेरक उदबोधन ने धर्म ध्यान से जुड़े रहने के लिए श्रावक श्राविकाओं को प्रेरित किया। चार माह में जो धर्म, ध्यान और तपस्या सीखी है, उसे उत्तरोत्तर वृद्धि करें। तप व त्याग मार्ग में आगे बढ़कर अपनी आत्मा का कल्याण कर जन्म मरण के इस क्रम को रोके। समाज के अध्यक्ष चंपालाल भंडारी, नवयुवक मंडल अध्यक्ष विक्रम नागड़ा, समता महिला मंडल अध्यक्ष उज्जवला बाफना, महावीर महिला मंडल अध्यक्ष राजश्री मेहता ने सभी समाजजनो ने चार माह में की गई त्याग, तपस्याओं व सेवाओं पर आभार जताया। संचालन अनिल जैन ने किया।