नगर पंचायत में टेंडर नही ,यहां सब सेट है
नगर पंचायत ने इशू नही किये काम के टेंडर
कई हिस्सों में बांटा गया 3 करोड़ के काम
बिना टेंडर के वर्कआर्डर से शुरू हो गए निर्माण कार्य
बैतूल 16 नवम्बर।।वामन पोटे।।भैसदेही नगर पंचायत में टेंडर आवंटन को लेकर जमकर खेल हो रहा है। टेंडर प्रक्रिया का पालन किये बिना ही निर्माण कार्य शुरू करा दिए है। अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नगर पंचायत के जिम्मेदारों ने शासन के आदेश को भी ताक पर रख दिया है। भैसदेही नगर पंचायत के कई वार्डो में दस दस काम वर्कआर्डर पर दे दिए है।मौके पर काम कर रहे मजदूरों से बात की तो पता चला कि नगर पंचायत टुकड़ो में चेहते ठेकेदारों से निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इस बारे में सवाल करने पर जिम्मेदारों ने पहले तो इस बात से ही इनकार कर दिया कि काम नगर पंचायत करवा रहा है। बाद में कहने लगे कि निर्माण कार्य टेंडर प्रक्रिया से अलग करवाया जा रहा है।
ताक पर रखा शासनादेश
3 करोड़ की लागत के काम बिना टेंडर के शुरू
नगर पंचायत ने अपनो को साधने के लिए टुकड़ो में काम बांट दिया। जबकि वित्त सचिव ने टेंडर प्रक्रिया एवं क्रय में पारदर्शिता विषय में जारी शासनादेश के बिंदू 6 में स्पष्ट किया है कि स्वीकृत कार्यो को टुकड़ों में न बांटा जाए। अगर ऐसा किया जाए तो उसका कारण स्पष्ट उल्लेखित किया जाए।
अब उठ रहे सवाल
1-टेंडर आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही काम कैसे शुरू करवा दिया गया?
2-जब टेंडर प्राप्त ही नहीं हुए तो किस आधार पर फर्म का चयन किया गया?
3- स्वीकृत कार्य को टुकड़ों में क्यों बांटा गया?
4-ओपन टेंडर होने पर ठेकेदारों के आपसी कॉम्प्टीशन में नगर पंचायत को लाभ होता ऐसा क्यों नहीं किया गया?
।।कहीं जेब भरने की तैयारी तो नहीं?
टेंडर का ओपन अलॉटमेंट करने में सबसे कम दर पर निर्माण कार्य किया जाता है। टेंडर पाने के लिए आपसी कॉम्प्टीशन में ठेकेदार कम रेट पर अप्लाई करते हैं। जिससे अनुमानित लागत से 10 या 20 फीसदी कम दर पर ठेकेदार टेंडर में रेट डालते है ।जिससे काम की लागत कम हो जाती है ।
अगर सीसी रोड सीसी नाली पुलिया निर्माण के 3 करोड़ रुपए की लागत के टेंडर को ओपेन किया जाता तो नगर पंचायत का लाखो रुपया बच सकता था। लेकिन जिम्मेदारों ने बिना एप्लीकेशन के ही वर्क आर्डर कर दिया जिसके कारण नगर पंचायत कम दर पर काम कराने की संभावना से ही वंचित हो गई।