नेत्र दिव्यांग छात्राओं के बैंड दल ने कम समय में ही मचाई धूम (खुशियों की दास्ताँ) |
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जबलपुर | |
मढ़ाताल स्थित नेत्रहीन विद्यालय की नेत्र दिव्यांग छात्राओं के बैंड दल ने कम समय में खासी लोकप्रियता हासिल कर ली है। इस बैंड दल की अभी तक की परफार्मेंस में से एक नवंबर को मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के जिला मुख्यालय में आयोजित मुख्य समारोह में दी गई प्रस्तुति को सर्वाधिक सराहा गया और इसी प्रदर्शन से उसे शहर में अलग पहचान स्थापित करने में भी मदद मिली। एक अशासकीय संस्था द्वारा संचालित इस विद्यालय की नेत्र दिव्यांग छात्राओं के इस बैंड दल ने स्वच्छ भारत अभियान पर केन्द्रित गीतों को अपनाया है और इस अभियान के प्रति जन-जन को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। नेत्रहीन विद्यालय में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों में अपनी सुरीली आवाज में हमेशा भजन और गीत प्रस्तुत कर आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली इन नेत्र दिव्यांग छात्राओं का बैंड दल बनाने का विचार सबसे पहले संभागीय बाल भवन के संचालक गिरीश बिल्लौरे के मन में तब आया जब वे सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री लखन घनघोरिया के साथ यहां आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस पवित्र उद्देश्य को पूरा करने में उनके पिता श्री काशीनाथ सुल्लेरे और उनके बड़े भाई सतीश बिल्लौरे ने उनका साथ दिया। उन्होंने इन छात्राओं को संगीत की अच्छी शिक्षा देने के लिए तबला और हारमोनियम जैसे वाद्ययंत्र उपलब्ध कराये। नेत्रहीन छात्राओं के बैंड दल बनाने के प्रयासों को तब पंख लगे जब इनकी संगीत कक्षा का शुभारंभ सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री लखन घनघोरिया ने किया। श्री घनघोरिया के साथ ही जिला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त ने भी इस शुभ कार्य को प्रारंभ करने में उनकी हौसला अफजाई की। नगर निगम जबलपुर ने नेत्रहीन छात्राओं के इस ग्रुप को सिंथेसाइजर और कागों जैसे जरूरी वाद्ययंत्र उपलब्ध कराकर बैण्ड दल के गठन में मदद की। नेत्रहीन विद्यालय की इन छात्राओं को संगीत की विधिवत शिक्षा देने संभागीय बाल भवन से जोड़ा गया और देखते ही देखते इन छात्राओं का एक प्रोफेशनल ग्रुप तैयार हो गया। नेत्र दिव्यांग छात्राओं के इस ग्रुप एक प्यारा-सा नाम “नन्हीं परियों का बैंड” दिया गया है। नेत्र दिव्यांग छात्राओं का यह बैंड दल मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह के पहले महिला उद्यमियों के संगठन “मावे” द्वारा जबलपुर में आयोजित महिला उद्यमियों की अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में अपनी प्रस्तुति दे चुका है। प्रख्यात पार्श्व गायक अभिजीत भट्टाचार्य को भी हाल ही के उनके जबलपुर प्रवास के दौरान इन नेत्र दिव्यांग छात्राओं ने अपनी गायन कला से खासा प्रभावित किया। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह में प्रस्तुत उनके समूह गायन से प्रभावित होकर समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के वित्त मंत्री श्री तरूण भनोत ने इन्हें अपनी ओर से नकद पुरस्कार प्रदान किया और इन छात्राओं के साथ फोटो भी खिचवाया। नेत्र दिव्यांग छात्राओं को संगीत सिखाकर उन्हें प्रोफेशनल स्तर पर खड़ा करने की कोशिश में संगीत शिक्षक डॉ. शिप्रा सुल्लेरे का अनुकरणीय योगदान रहा। इसके साथ ही तबला प्रशिक्षक श्री सोमनाथ सोनी भी नियमित रूप से प्रशिक्षण में सहयोग दे रहे हैं। |
बुधवार, 27 नवंबर 2019
नेत्र दिव्यांग छात्राओं के बैंड दल ने कम समय में ही मचाई धूम (खुशियों की दास्ताँ)
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