सोमवार, 25 नवंबर 2019

संभागायुक्त के प्रयासों से दिखने लगे शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के सार्थक परिणाम

संभागायुक्त के प्रयासों से दिखने लगे शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के सार्थक परिणाम (खुशियों की दास्तां)
कमिश्नर के निर्देशन एवं प्रेरणा से कलेक्टर कर रहे हैं नवाचार, संभाग में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए की जा रही विशेष पहल
रीवा | 


 

    कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के निर्देशन में संभाग में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विशेष पहल की जा रही है। कमिश्नर डॉ. भार्गव स्वयं विकासखण्ड स्तर पर जाकर शिक्षकों से संवाद स्थापित कर रहे हैं जिससे वे प्रेरित होकर विद्यार्थियों के पठन-पाठन में विशेष ध्यान दे रहे हैं। रीवा संभाग में शिक्षा में गुणात्मक सुधार की महती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए नवाचार के तौर पर सत्र के प्रारंभ से ही सात बिन्दु तय किए गए हैं और तीन चरणों में कार्य पूरा करने की योजना बनाई गई है। इसके परिणाम स्वरूप संभाग में शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के सार्थक परिणाम दिखने लगे हैं। कमिश्नर डॉ. भार्गव के निर्देशों का पालन करते हुए एवं उनसे प्रेरित होकर संभाग के चारों जिलों के कलेक्टर अपने-अपने जिलों में शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के नवाचार कर रहे हैं।
    कमिश्नर डॉ. भार्गव द्वारा निर्धारित किए गए सात बिन्दुओं के अन्तर्गत पहला स्कूलों में प्रायोगिक कार्य समय से प्रारंभ कराना तथा प्रायोगिक लैबों में सुधार लाना है ताकि विज्ञान शिक्षण प्रभावी हो और विद्यार्थियों में विज्ञान शिक्षण के प्रति रूचि जागरूक हो। दूसरा शिक्षक लेशन प्लान बनाएं और उसके अनुसार नियमित रूप से छात्रों का पठन-पाठन करायें। तीसरा शिक्षकों द्वारा छात्रों को दिए गए गृह कार्य का नियमित निरीक्षण किया जाये और प्राचार्य द्वारा सेम्पल चेकिंग की जाये। चौथा प्राचार्यों द्वारा स्वयं अध्यापन कार्य किया जाये। पांचवा शिक्षकों द्वारा डायरी का संधारण और रिमेडियल कक्षाओं का संचालन किया जाये। छठा ब्रिज कोर्स दक्षता संवर्धन का विधिवत संचालन किया जाये और सातवें बिन्दु के अन्तर्गत विद्यालय में साफ-सफाई को बेहतर बनाना, परिसर को हरा-भरा रखना तथा पैरेन्ट्स-टीचर मीटिंग नियमित रूप से आयोजित किया जाना शामिल हैं।
    शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से इन सात बिन्दुओं को पूरा करने के लिए तीन चरणों में कार्य को पूरा किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। पहले चरण में यह  तय किया गया कि स्कूलों के प्राचार्य और प्रधानाध्यापकों से सीधे चर्चा की जाये। इसी के तहत कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. भार्गव द्वारा 13 जून को रीवा में, 18 जून को सतना में, 19 जून को सीधी में और 8 जुलाई को सिंगरौली में कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में प्राचार्यों से शिक्षा में गुणात्मक विकास के के संबंध में सीधी बात की गई। उन्हें कई माध्यमों से विद्यार्थियों के पठन-पाठन में रूचि लेने के लिए प्रेरित किया गया और संभाग के तीन हजार संस्था प्रमुखों ने शिक्षा में सुधार का संकल्प लिया और सात बिन्दुओं का पालन करने एवं नवाचार के लिए चारों जिलों के कलेक्टरों को भी निर्देशित एवं प्रेरित किया गया। संबंधितों से यह भी कहा गया कि उत्कृष्ट और मॉडल स्कूलों के साथ-साथ छात्रों के कम नामांकन वाले विद्यालयों का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत लाया जा सकता है तथा उन विद्यालयों का विशेष निरीक्षण किया जाये जहां छात्रों के नामांकन अधिक है। साथ ही प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की शत-प्रतिशत मॉनीटरिंग कर शिक्षा स्तर को ठीक किया जाये।
    दूसरे चरण के अन्तर्गत त्रैमासिक परीक्षा के बाद ब्लाक स्तर पर शिक्षकों से चर्चा कर प्रगति की समीक्षा की जा रही है जिसके सार्थक परिणाम परिलक्षित होने लगे हैं। संभाग में शिक्षकों द्वारा अपने कत्र्तव्य का निर्वहन बखूबी किया जा रहा है। यहां तक कि संभाग के शिक्षक संगठन स्वयं आगे आकर शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार के लिए संकल्प ले रहे हैं। ऐसा ही कार्यक्रम गत दिनों सतना जिले के उचेहरा जनपद मुख्यालय पर आयोजित किया गया जिसमें शिक्षा के गुणात्मक विकास पर बल दिया गया। मैहर, चुरहट एवं उचेहरा में आयोजित कार्यक्रमों में अब तक ढाई हजार शिक्षकों को प्रेरित किया जा चुका है।



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