शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019

अभियोजन अधिकारियों ने अपनी ग्‍यारह सुत्रीय मांगो को लेकर सौंपा ज्ञापन


  बुरहानपुर- जिला अभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम ने बताया कि नियमित संवर्ग के अभियोजन  अधिकारी राज्‍य सेवा आयोग से च‍यनित राजपत्रित अधिकारी है, जिनका प्रमुख कार्य आपराधिक न्‍यायालय में पैरवी,अपील, रिवीजन, विभिन्‍न विभागों को विधिक सलाह,सजा के ऑकडे,  आपराधिक मामलो की मॉनि‍टरिंग,प्रशिक्षण व स्‍कु्टनी आदि है। राज्‍य के उक्‍त संवर्ग द्वारा हाल के वर्षो में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करते हुए अधिकांश आपराधिक मामलों में सजा कराई गई है जिनमें राज्‍य भर में हत्‍या, बलात्‍संग, पॉक्‍सो  आदि के गंभीर मामलों में पिछले दो वर्ष में कराई गई 31 मृत्‍युदंड तथा 100 आजीवन कारावास  की सजा भी है जो राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक रिकार्ड है। वर्तमान में उक्‍त संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों को मजिस्‍ट्रेट न्‍यायालयों तथा शासन स्‍तर पर मात्र चिन्हित जघन्‍य सनसनीखेज अपराधों, लोकायुक्‍त,  ई. ओ.डब्‍ल्‍यु., पॉक्‍सो तथा कुछ जिलों में एस.सी. एस.टी. व एन.टी.पी.सी. के विशेष न्‍यायालयों में पैरवी के अधिकार दिये गये है जिनमें नियमित संवर्ग के पैरवी के परिणाम स्‍वरूप अधिकांश मामलों में सजा कराने में सफलता मिली है तथा सजा का प्रतिशत हाल के वर्षो में लगभग 70 प्रतिशत रहा है। यह संवर्ग अपनी सतत कार्यअनुभव व प्राप्‍त विभिन्‍न प्रशिक्षण तथा स्‍थाई सेवा व गृह जिले से बाहर पदस्‍थापना के कारण अत्‍यंत प्रभावी व उत्‍तरदायी तथा विश्‍वसनीय अभियोजन संवर्ग है। विटनेस हेल्‍प डेस्‍क तथा प्रासिक्‍युशन पोर्टल के माध्‍यम से यह संवर्ग साक्षियो तथा पीडितो की मदद भी करता है व जानकारी उपलब्‍ध कराता है। हाल के वर्षो में राष्‍ट्रीय व अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अनेक प्रतिष्ठित पुरस्‍कार अवार्ड भी इस संवर्ग को मिल चुके है। प्रासिक्‍युशन मोबाईल एप के द्वारा प्रत्‍येक अभियोजन अधिकारी के कार्यो की निरंतर समीक्षा भी की जाती है तथा उनके कार्यो की मॉनिटरिंग विभाग द्वारा सतत रूप से होती है।
नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों की लंबे समय से मांग रही है कि सेशन स्‍तर के न्‍यायालयों में लोक अभियोजन व अति. लोक अभियोजको के पद दिये जाए जिससे गंभीर अपराधो में प्रभावी पैरवी की जाकर अपराधियों को सजा दिलाई जा सके तथा इस संवर्ग को वरिष्‍ठता व योग्‍यता के अनुक्रम में उनकी पदोन्‍नति तथा उच्‍च कार्य स्‍तर का अवसर भी मिल सके किंतु नियमित सेवा, उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन व उत्‍तरदायित्‍व से जुडे होने के बावजुद नियमित सेवा के इस संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों की निरंतर उपेक्षा की जाती रही है तथा योग्‍य,अनुभवी व उत्‍तरदायी होने के बावजूद मुख्‍यत: निचली अदालतो में ही कार्य करने का अवसर दिया जाता है जबकि इसके विपरीत बिना योग्‍यता परीक्षण के गैर नियमित संवर्ग को अस्‍थाई रूप से गृह जिले के भीतर ही,  स्‍थानीय स्‍तर पर लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के रूप में नियुक्ति कर दी जाती है जहॉ लोकल संवर्ग को निजी प्रेक्टिस उत्‍तरदायित्‍व के अभाव तथा कार्यअनुभव की कमी आदि के कारण गंभीर अपराधिक मामलों में समुचित पैरवी तथा अपील- रिवीजन की कार्यवाही नही हो पाती। गैर संवर्ग के अभियोजको पर शासन का कोई नियंत्रण नही होता तथा उन पर सिविल कंडट रूल्‍स लागु नही होता। उनकी इस स्थिति का नुकसान पक्ष को उठाना पडता है और सजा का प्रतिशत गिरता है। यह अपराधिक न्‍याय प्रशासन व जनहित में भी नही है। इस विषय सहित कुल 11 सुत्रीय मांगो को लेकर आज जिला बुरहानपुर में नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों श्री कैलाशनाथ गौतम डीपीओ, श्री सुनील कुरील एडीपीओ, श्री अनिलसिंह बघेल एडीपीओ द्वारा जिला स्‍तर पर संयुक्‍त कलेक्‍टर महोदय श्री के.के. मालवीय के माध्‍यम से प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
                        11 सुत्रीय मांगे
1 सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी (एडीपीओ) का वेतनमान छटवे वेतनमान में ग्रेड पे 5400 रूपये पर निर्धारित किया जाए।
2 लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पद नियमित संवर्ग के लिये आरक्षित किये जाए।
3 संवर्ग के अधिकारियो का लंबित समयमान अविलंब स्‍वीकृत किया जाए ।
4 जिला स्‍तर पर प्रत्‍येक अभियोजन कार्यालय हेतु कम से कम एक शासकीय एसयुवी वाहन हेतु 30000/ रूपये मासिक बजट स्‍वीकृत किया जाए।
5 कार्य के दौरान आवश्‍यक स्‍टेशनरी, विधिक पुस्‍तकों,समाचार पत्रो व पत्रिकाओ हेतु लाइब्रेरी अलाउंस 1000रू प्रतिमाह प्रत्‍येक अभियोजन अधिकारी को स्‍वीकृत किया जाए।
6 संचालनालय लोक अभियोजन तथा जिला व तहसील अभियोजन अधिकारी कार्यालय भवन हेतु समुचित राशि स्‍वीकृत की जाए।
7 न्‍यायालय में पैरवी के दौरान निर्धारित गणवेश हेतु प्रत्‍यके अभियोजन अधिकारी को ड्रेस अलाउंस 8000रू वार्षिक स्‍वीकृत किया जाए।
8 प्रत्‍येक जिला तथा तहसील में पदस्‍थ अभियोजन अधिकारियो को शासकीय आवास उपलब्‍ध कराए जाए अथवा बाजार दर पर मकान किराया भत्‍ता प्रदान किया जाए।
9 सभी जिलों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्‍याचार निवारण अधिनियम के प्रकरण हेतु उपसंचालक स्‍तर के विशेष लोक अभियोजक के पद स्‍वीकृत किये जाए।
10 प्रत्‍येक संभाग में प्रशासनिक नियंत्रण हेतु संयुक्‍त संचालक अभियोजन तथा जिला स्‍तर पर पर्याप्‍त संख्‍या में डी.डी.पी./एडिशनल डीपीओ के पद स्‍वीकृत किये जाए।
11 अन्‍य समकक्ष सेवाओ के अनुरूप चार स्‍तरीय समयमान और काडर रिव्‍यू की जाकर पदोन्‍नत पदो डी.पी.ओ. एवं डी.डी.पी. की संख्‍या, फीडर काडर के 50 प्रतिशत तक की जाना चाहिए। साथ ही संचालनालय लोक अभियोजन का पुनर्गठन भी किया जाए।


 


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