''बचाव पक्ष के सबसे ताकतवर बिन्दु को भेदते हुए अपना पक्ष रखना चाहिए''- न्यायमूर्ति श्री रोहित आर्य
मीडिया सेल प्रभारी सुनील कुरील ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला अभियोजन कार्यालय,इंदौर द्वारा दिनांक 01-12- 2019 को एक दिवसीय संभागीय कार्यशाला ''अभियोजन एक विधा'' का आयोजन होटल सयाजी, इन्दौर मे किया गया इस कार्यक्रम में जिला अभियोजन कार्यालय, बुरहानपुर से अभियोजन अधिकारी श्री प्रकाश सोनंकी, सुनील कुरील एवं सुरेन्द्र वास्केल उपस्थित हुए। कार्यशाला में '' अभियोजन एक विधा'' में माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति श्री रोहित आर्य द्वारा म.प्र. अभियोजन केडर के अधिकारियों को न्यायालय के समक्ष प्रभावशाली बहस करने के संबंध में सुझाब देते हुए बताया गया कि अभियोजन अधिकारियों को बचाव पक्ष के सबसे ताकतवर बिंदू को भेदते हुए अपनी बहस करना चाहिए जिससे अधिक से अधिक प्रकरणों में अपराधियों को दंडित कराया जा सके साथ उन्होने यह भी बताया कि न्यायदृष्टांतो पर निर्भर रहना हमेशा ही उचित न होकर घातक होता है जबकि विधिक प्रावधान स्पष्ट होते है।
इस कार्यशाला में वर्तमान में हो रहे बलात्कार और बालको के विरूद्ध यौन अपराधो में अपना प्रभावशाली पक्ष रखने के लिये और अपराधियों को दंडित कराने के लिये सुझाव देते हुए अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश) इंदौर श्री प्राण साहब ने बताया कि अभियोजन अधिकारी अपने साक्षी का न्यायालय के समक्ष मुख्य परीक्षण करने के पूर्व साक्षात्कार कर सकता है। संचालक अभियोजन श्री पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा संभाग के विभिन्न जिलो के अभियोजन अधिकारियों की समस्याए सुनी साथ ही उन्होने अभियोजन अधिकारियों को अपना कार्य निर्भिकता से करने और उनके ज्ञान को अद्यतन करने के लिये समय-समय पर इस तरह की कार्यशालायें आयोजित कराने के लिये भी निर्देश दिया। कार्यशाला के समापन पर प्रमाण-पत्र का वितरण भी संचालक, अभियोजन श्री पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा किया गया।
मिडिया सेल प्रभारी
जिला अभियोजन कार्यालय बुरहानपुर म.प्र.