बर्खास्त अध्यापक -शिक्षको की बहाली को लेकर अध्यापक महासंघ ने तहसील कार्यालय पर ज्ञापन सौंपा
भगवानपुरा- (प्रदीप महाजन) - प्रदेश मे 16 अध्यापक -शिक्षको की 20-50 वर्ष की सेवा अवधी के कारण बार्खास्त्गी को निरस्त कर उन शिक्षको की पुन: सेवा मे बहाली को लेकर भगवानपुरा तहसील मुख्यालय पर अध्यापक -शिक्षक महासंघ के प्रान्तीय आव्हान पर अध्यापको और शिक्षको ने तहसील कार्यालय पर नितिन गुप्ता सहायक ग्रेड 3 को माननीय मुख्यमंत्री जी श्री कमलनाथ जी के नाम ज्ञापन दिया। उक्त जानकारी देते हुए अध्यापक महासंघ के रोहित मनाग्रे , हबीबुल्ला खान ने बताया की विगत दिनो 30% से कम रिजल्ट वाली शालाओ के शिक्षको -अध्यापको की विभागीय परीक्षा आयोजित की गई थी । इस परीक्षा मे अनुतीरण शिक्षको -अध्यापको को 20- 50 फार्मूले के तहत तथा अन्य कारणो से 16 अध्यापक और शिक्षको को सीधे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है । इस मामले मे महासंघ के नेताओ का कहना है की अनिवार्य सेवा निव्र्ती का नियम मध्य प्रदेश नियम 1976के अन्तर्गत है जिसमे आधे वेतन का प्रावधान है यह नियम तथा पेंशन नियम अध्यापक सँवर्ग पर लागू नही है ।कुछ शिक्षको का परीक्षा परिणाम 30 % से अधिक होने के बाद भी उन्हे परीक्षा मे शामिल किया गया । परीक्षा की तैय्यारी का शिक्षको को पर्याप्त समय नही दिया गया । शिक्षको से गैर शैक्षणिक कार्य करवाने से भी परीक्षा परिणाम पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है । शासकीय शालाओ मे शिक्षको की कमी के कारण भी परीक्षा परिणाम व बच्चो की गुणवत्ता पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है । अगर कोई शिक्षक या अध्यापक अनियमित , गैरजिम्मेदार, व जिन्हे शिक्षा गुणवत्ता के आधार पर अध्यापन नही आता उन शिक्षको पर कार्यवाही की जानी चाहिये । लेकिन इतनी सख्त व यह बर्खास्तगी की कार्यवाही से इन अध्यापको के परिवार बर्बाद हो जावेंगे क्योंकि इन्हे नियमित पेंशन की भी पात्रता भी नही है ।
अगर शासन इन्हे दंड देना चाहता है तो इनकी वेतनव्रध्धी रोककर या इनका डीमोशन करके इन्हे दन्डित किया जा सकता है । लेकिन इनका पक्ष जाने बिना इन्हे बर्खास्त करना न्योयोचित नही है । महासंघ ने मांग की है की सभी 16 अध्यापक शिक्षको के मामले मे शासन मानवीय संवेदनाओ के द्रष्टिगत सोचकर सभी अध्यापक -शिक्षको को पुन: सेवा मे बहाल किया जाए । इस अवसर पर उपस्थित शिक्षक संघ के पदाधिकारी, हबीबउल्ला खान,रोहित मनाग्रे ,राजकुमार सिसोदिया,मेहताब बडोले, देवराम सेलवाने रजनी पाटीदार, जाग्रति बडोले, पुष्पा मुवेल, संगीता चौहान, मेनका सेनानी, राजाराम राठौर,शारदा सोलंकी, शिला वानखेडे ,आशा सोलंकी, पदमा चौहान, रशमी चौहान, ललिता सोलंकी, अर्पणा आडतिया,नानकराम मालवीय, रामचन्द्र गोयल, स्वरूपदास पवार, ऊकार पाटील, प्रेमलाल कोठारी, प्रेमसिंह सोलंकी आदि ।