शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019

ग्रामों में सुदृढ़ अधोसंरचना से समृद्ध मानव विकास का लक्ष्य (उम्मीदें रंग लाईं, तरक्की मुस्कुराई)

 
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खण्डवा | 


    सदियों देश में सबसे महत्वपूर्ण ईकाई ग्राम ही रहा है। भारत को गाँवों का देश कहा जाता है। हमारी 75 प्रतिशत आबादी या तो गाँव में ही निवास करती है या फिर ग्राम से सम्बन्धित है। हमारी अर्थव्यवस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था ही है। मध्यप्रदेश में ग्रामों को आर्थिक, सामाजिक, अधोसंरचना और स्वायत्ता के हिसाब से समृद्ध बनाने का काम किया गया है। देश में सर्वप्रथम पंचायतराज व्यवस्था को 73वें संविधान संशोधन विधि के माध्यम से ग्राम-पंचायतों को अपने विकास का कार्य स्वयं तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो देश के इतिहास में सदैव मील के पत्थर के रूप में याद की जाती रहेगी।


    मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से पंचायतों को आर्थिक और अधिकारिता के दृष्टिकोण से समृद्ध बनाने का कार्य किया जा रहा है। क्योंकि राज्य सरकार का मानना है कि जब ग्राम समृद्ध होंगे तथा राज्य समृद्ध होगा। वर्तमान सरकार ने अपने पहले वार्षिक बजट में 25 हजार 15 करोड़ का प्रावधान ग्रामीण विकास और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए किया है। वित्त वर्ष की तीन-तिमाई पूरी होते-होते ग्राम विकास का रोड़ मेप और सरकार की मंशा दोनो अपना साकार रूप लेने लगे है।
    पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामों को सशक्त अधोसरंचना प्रदान काने के साथ ही मानव विकास गतिविधियों को भी समान्तर तरजीह दी गई है। ''सड़के'' विकास की रीढ़ है। सड़कों के माध्यम से ही विकास की रोशनी दूरस्थ अंचल तक पहुँच सकती है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से 500 तक आबादी लगभग सभी ग्रामों को डामरीकृत सड़क मार्ग से जोड़ा जा चुका है। गत एक वर्ष में 554 मार्ग पूर्ण कर, 3319 कि.मी. सड़कों का निर्माण कर 366 बासहटों को सम्पर्क सूत्र से जोड़ा गया है। ग्रामीण सार्थकता परियोजना के तहत 136 करोड़ रूपये के व्यय से 2752 कि.मी. डामरीकृत और सीमेन्ट कांक्रीट निर्माण भी पूर्ण किया गया है। राज्य वित्त पोषित अन्य योजनाओं से 670 कि.मी. मार्ग पूर्ण कर 580 ग्रामों को जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 प्रतिशत भागीदारी के साथ 2 लाख 72 हजार 889 रूपये के व्यय से 2,23,133 आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं।
    मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद श्स्वच्छ भारत मिशनश् में पुनः सर्वे कराकर, 2012 में छूटे 3,06,098 आवासों को चिन्हित किया गया है। इनमें आवास बनाने का कार्य प्रगति पर है। अभी तक 219 करोड़ रूपये की राशि व्यय की जा चुकी है। प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए ग्राम में ही राज मिस्त्री की उपलब्धता सुनिश्चित कराना भी राज्य सरकार की अभिनव पहल है। प्रदेश में 19690 राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया, इनमें 9411 महिला राज मिस्त्री तैयार की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास में भुगतान की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। ''पंचायत दर्पण'' पोर्टल के माध्यम से पंचायतों की भुगतान प्रक्रिया ऑन-लाईन की गई है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के द्वारा, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन सरल डेव्हलपमेंट विकसित की गई है।




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