बुरहानपुर एक ऐतिहासिक शहर है, जो मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के अंतर्गत आता है। भोपाल से लगभग 340 कि.मी की दूरी पर स्थित यह शहर पवित्र नदी ताप्ति के किनारे बसा है। इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां कई शक्तिशाली सम्राटों का शासक रह चुक है। माना जाता है कि मुगल इस क्षेत्र का इस्तेमाल दक्षिण भारत पर पकड़ बनाने के लिए किया था, हालांकि सपूर्ण दक्षिणी भारत पर कब्जा करने का उनका सपना कभी पूरा न हो सका। मुगल इतिहास के कई महत्वपूर्ण जड़े इस बुरहानपुर से जुड़ी हैं, इसलिए यह शहर ऐतिहासिक रूप से काफी समृद्ध माना जाता है। इस लेख में जानिए अपने विभिन्न पर्यनट स्थलों के साथ यह शहर आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
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*असीरगढ़ का किला*
बुरहानपुर भ्रमण की शुरुआत आप यहां के प्रसिद्ध प्राचीन किले असीरगढ़ से कर सकते हैं। सतपुड़ा की पहाड़ियों पर स्थित यह किला मुख्य शहर से लगभग 20 कि.मी के फासले पर है। इसकी खास भौगोलिक स्थिति के कारण इसे दक्कन का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। यहां का पहाड़ी मार्ग सतपुड़ा को नर्मदा घाटी और ताप्ती नदी से जोड़ने का काम करता है। जानकारी के अनसुार इस किले का निर्माण 1596-1600 के मध्य असा अहीर नाम के एक जमींदार ने करवाया था। बाद में खानदेश के नासीर खान द्वारा असा अहीर मारा गया। किले की वास्तुकला पर बात करें तो यह काफी हद तक मुगल शैली, तुर्किश, पर्शियन और भारतीय शैली से प्रभावित है। प्राकृतिक रूप से भी यह जगह काफी ज्यादा मायने रखती है, एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।