शनिवार, 14 दिसंबर 2019

जिला एवं सत्र न्यायालय में नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए कुल 6010 प्रकरण, 36 करोड़ 52 लाख 63 हजार 341 रूपये का अवार्ड हुआ पारित

















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जिला एवं सत्र न्यायालय में नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए कुल 6010 प्रकरण, 36 करोड़ 52 लाख 63 हजार 341 रूपये का अवार्ड हुआ पारित
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जबलपुर | 


 

 

 

   
        जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संजय शुक्ला के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय जबलपुर, तहसील न्यायालय सिहोरा, पाटन एवं कुटुम्ब न्यायालय जबलपुर में आज शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार कुल 6010 प्रकरणों का निराकरण करते हुये 36 करोड़ 52 लाख 63 हजार 341 रूपये का अवार्ड पारित हुआ।
    प्रकरणों के निराकरण के लिये कुल 74 खण्डपीठों का गठन किया जाकर न्यायालयों में लंबित 1786 प्रकरणों एवं 4224 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया।
        उक्त लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकृति के 214 प्रकरण, धारा 138 एन.आई.एक्ट के 327 प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 810 प्रकरण, विशेष विद्युत न्यायालयों में लंबित विद्युत के 146 प्रकरण, पारिवारिक मामलों के 115 प्रकरण, सिविल मामलों के 86 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
        इस लोक अदालत में धारा 138 एन.आई.एक्ट में 08 करोड़ 92 लाख 63 हजार 336 रूपए के समझौता राशि के निर्णय किये गये, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के प्रकरणों में 20 करोड़ 74 लाख 84 हजार 600 रूपए के अवार्ड राशि पारित की गई। विद्युत के न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में 23 लाख 04 हजार 593 रूपए की राजस्व वसूली हुई तथा विद्युत के प्रीलिटिगेशन के 985 निराकृत प्रकरणों में 97 लाख 54 हजार 353 रूपए की राजस्व वसूली हुई। इसी प्रकार बैंक रिकवरी के 146 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में निराकरण पश्चात 01 करोड़ 94 लाख 65 हजार 720 रूपए की समझौता राशि लोक अदालत में प्राप्त हुई।
        इस प्रकार इस नेशनल लोक अदालत में कुल 6010 प्रकरणों का निराकरण किया जाकर 36 करोड़ 52 लाख 63 हजार 341 रूपये की समझौता राशि के अवार्ड पारित किए जाकर 6511 पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से लाभांवित किया गया।
विशेष - इस लोक अदालत में निम्न प्रकरण उल्लेखनीय रहे है-
    न्यायालय श्रीमती अनुराधा शुक्ला, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय के न्यायालय में प्रकरण क्र. 300386/17 में पति पत्नि के द्वारा आपसी मतभेद के कारण धारा 13(1) हिंदू विवाह के अंतर्गत तलाक लेने के लिए मामला दायर किया गया था जो कि वर्ष 2017 से लंबित था। खण्डपीठ की समझाईश के बाद उभयपक्ष के मध्य सुलह हो एकसाथ जीवन निर्वाह की सुलह हो गई। जोड़ो को माला पहनाकर हंसी खुशी विदा किया गया।
    न्यायालय श्री दीपक कुमार पाण्डे, एडीजे के न्यायालय में प्रकरण क्र. 8201/19 में पति पत्नि के द्वारा आपसी मतभेद के कारण धारा 9 हिंदू विवाह के अंतर्गत दांपत्य जीवन पुर्नस्थापन के लिए लेने के लिए मामला दायर किया गया था। खण्डपीठ की समझाईश के बाद उभयपक्ष के मध्य सुलह हो एकसाथ जीवन निर्वाह की सुलह हो गई। जोड़ो को माला पहनाकर हंसी खुशी विदा किया गया।
न्यायालय श्रीमती सांहगी दुग्गल, जेएमएफसी की खण्डपीठ द्वारा एमजेसी प्रकरण 1038/19 में घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तुत प्रकरण में समझाईश देने के कारण पत्नि ने पति के साथ रहने का फैसला लेते हुये अपना प्रकरण वापस लिया। जोड़ो को माला पहनाकर हंसी खुशी विदा किया गया।
    न्यायालय श्री राजेश कुमार यादव, जेएमएफसी की खण्डपीठ द्वारा धारा 138 एनआई एक्ट के 10 साल पुराने 10 मामलों का तथा 05 साल पुराने 35 प्रकरणों सहित कुल 108 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसमें सर्वोच्च राशि वाला चैक बाउंस का मामला 42 लाख का था जिसे निराकृत किया गया तथा कुल 06 करोड रूपए के चैक बाउंस के मामले निराकृत किए गए।







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