राज्य शासन ने प्रदेश में आदिवासियों के 20 देव स्थानों पर सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 10 करोड़ 50 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। इनमें जबलपुर संभाग के मण्डला जिले में 10 आदिवासी देवस्थान, डिण्डोरी जिले के सात और छिंदवाड़ा जिले का एक आदिवासी देव स्थल शामिल है।
आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा आस्ठान योजना में स्वीकृत इस राशि से देव-स्थलों पर सामुदायिक भवनो के निर्माण के साथ-साथ पेयजल, स्नानागार और विद्युत व्यवस्था जैसे बुनियादी कार्य भी पूर्ण किये जायेंगे।
डिण्डोरी जिले में आदिवासी देव-स्थल बंजारी बड़ौदा में सामुदायिक भवन निर्माण के लिये एक करोड़ रूपये की स्वीकृति जारी की गई है। शेष 19 देव-स्थलों के लिये 50-50 लाख रूपये स्वीकृत किये गये है।
आस्ठान योजना में छिन्दवाड़ा जिले में आदिवासी देव-स्थल हरियागढ़ किला, झाबुआ जिले में बड़ादेव, बड़वानी जिले में भवगरगढ़ किला और श्योपुर जिले में माता मंदिर में सामुदायिक भवन निर्माण के लिये 50-50 लाख रूपये की प्रशासकीय मंजूरी दी गयी है।
मंडला जिले में 10 आदिवासी देव-स्थल जयबड़ादेव, खैरमाई मन्दिर, हरदुला छितलामाई, चौगान, बड़ादेव, बड़ादेव-ठाना, बड़ेदेव-चबूतरा, सिद्ध टेकरी, माता मंदिर और काली मंदिर के लिये 50-50 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
डिण्डोरी जिले में 7 आदिवासी देव-स्थल बंजारी बड़ौदा, घोड़ीसूखी देव, बाबागढ़ी, करवे मट्ठा, बरखेड़ा, सिद्धबाबा, रानीबघेलिन, माईकाठान में सामुदायिक भवन निर्माण के लिये मंजूरी दी गई है।
आस्ठान योजना कें अंतर्गत आदिवासी समुदायों के कुल देवता और ग्रामीण देवी-देवस्थानों के पर निर्मित देवगढ़ी, मढ़िया, देवठान के निर्माण और जीर्णोद्धार तथा इन स्थानों पर आने वाले श्रृद्धालुओं के विश्राम भवन निर्माण के लिये इस वर्ष के विभागीय बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान किया