शनिवार, 28 दिसंबर 2019

नवकार मन्त्र जैन धर्म का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मन्त्र है - डॉ हर्ष डेढिया


खिरकिया।नवकार मन्त्र जैन धर्म का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मन्त्र है। इसे 'नवकार मन्त्र, नमस्कार मन्त्र या पंच परमेष्ठि नमस्कार भी कहा जाता है। इस मन्त्र में अरिहन्तों, सिद्धों, आचार्यों, उपाध्यायों और साधुओं का नमस्कार किया गया है।यह बात सुप्रसिद्ध जैन विधिकार डॉ हर्षभाई डेढिया ने शनिवार को नागड़ा जिनिंग परिसर में आयोजित दो दिवसीय देव, गुरु, मातृ उपकार स्मृति महोत्सव के दूसरे दिन नवकार महामंत्र भाष्य जाप महाअनुष्ठान के दौरान कही।उन्होंने बताया कि
नवकार महामंत्र को जैन धर्म का परम पवित्र और अनादि मूल मंत्र माना जाता है। इसमें किसी व्यक्ति का नहीं, किंतु संपूर्ण रूप से विकसित और विकासमान विशुद्ध आत्मस्वरूप का दर्शन, स्मरण, चिंतन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है। इसलिए यह अनादि और अक्षयस्वरूपी मंत्र है।इसलिए इस मंत्र का नियमित जाप करना बताया गया है।कार्यक्रम में सम्पूर्ण जिनवाणी द्वादशांगी 14 पूर्वो के सार महामंत्र नवकार का संगीतमय भाष्य जाप अनुष्ठान किया गया।श्वेताम्बर जैन साध्वी जयदर्शिता श्रीजी एवं हिमांशु श्रीजी की निश्रा में सम्पन्न हुए कार्यक्रम में विविध मुद्राओं के साथ इस शास्वत मंत्र के तरंगों की गूंज से उपस्थित धर्मावलम्बियों के तन मन और आत्मा को परम विश्रान्ति प्राप्त हुई।साध्वी जयदर्शिता श्रीजी ने बताया कि जिन शासन के परम आराध्य महामंत्र, जिसके हर एक अक्षर पर 1008 विद्या देवियों और 48 लब्धियों का वास है, वैसे शास्वत विश्वमंत्र नवकार के भाष्य जाप से परम् सुख की अनुभूति कर अपना जीवन धन्य बनाएं।समूचे आयोजन के लाभार्थी भवानजी नागड़ा परिवार रहे।परिवार के हरिश्चंद्र नागड़ा ने विधिकार डॉ हर्षभाई डेढिया सहित संगीत पार्टी के सदस्यों का बहुमान भी किया।कार्यक्रम के अंत में स्वामी वात्सल्य आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।


भाजपा ने जारी की बुरहानपुर के 45 वार्ड प्रत्याशियों की सूची,3 को रखा होल्ड पर

बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) भारतीय जनता पार्टी संभागीय कार्यालय इन्दौर की संभागीय चयन समिति के संयोजक श्री मधु वर्मा एवं श्री गजेंद्र पटेल के ...