राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला मुख्यालय शाजापुर समेत तहसील मुख्यालय शुजालपुर, आगर, सुसनेर, नलखेड़ा न्यायालय परिसर में हुई नेशनल लोक अदालत में 1252 प्रकरण निराकृत हुए। वही 04 करोड़ 31 लाख 08 हजार दो सौ तिरतालिस रू मात्र (4,31,08,243) रूपये आवार्ड पारित किए गये। नेशनल लोक अदालत में 1902 से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए। नेशनल लोक अदालत में जिले एवं तहसीलों को मिलाकर कुल 21 न्यायिक खण्डपीठ बनाई गई।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन आज जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के मार्गदर्षन में किया गया। सर्वप्रथम जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष ने मॉ सरस्वती एवं गॉधीजी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर न्यायाधीशगण, श्रीमती सविता दुबे, श्री सुरेन्द्र सिंह गुर्जर (सचिव), श्रीमती रमा जयंत मित्तल़, श्री मनोज कुमार शर्मा, श्री बृजेश गोयल, श्री महेश कुमार माली, श्री संजीव कुमार पालीवाल, श्रीमती शर्मिला बिलवार, सुश्री हर्षिता सिंगार, श्री गोपाल जाटव, श्री दीपू साक्य, अधिवक्तागण श्री अनिल आचार्य, श्री मुकेश सुमन, श्री शिवकलेशरिया, एवं न्यायालय के समस्त कर्मचारीगण श्री मनोहर सिंह मालवीय, श्री योगेन्द्र सिंह ठाकुर, श्री शुभम सिंह राजावत, श्री छीतूलाल परमार, सहित अन्य कर्मचारीगण भी कार्यक्रम में उपस्थित हुए।
लोक अदालत में अपराधिक शमनीय प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, एम.ए.सी.टी प्रकरण (मोटर दुर्धटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण भूमि अधिग्रहण, विघुत एवं जल कर/बिल संबंधी अन्य समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य, प्री-लिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) आदि के कुल 12175 प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में रखे गये थे। उनमें से प्री-लिटिगेशन के 9761 प्रकरण रखें गये जिसमें से 842 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इन प्रकरणों में 1,21,53,921 रू. का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी प्रकार न्यायालय में 2414 लंबित प्रकरण को नेशनल लोक अदालत में रखें गये जिसमें से 410 लंबित प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें से 30,95,4,322 राशि जमा हुई। इस प्रकार कुल 1252 न्यायालयीन प्रकरणों में जिले/तहसीलों में राजीनामा करवाया गया। जिसमें से 04 करोड़ 31 लाख 08 हजार सात दो सौ तिरतालिस रू मात्र (4,31,08,243) रूपये आवार्ड राशि वसूली की गई और 1902 से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए।