पदक विजेता खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाना सरकार की प्राथमिकता
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री पटवारी ने दी उपलब्धियों की जानकारी
भोपाल : बुधवार, दिसम्बर 4, 2019, 15:10 IST
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा है कि प्रदेश के पदक विजेता खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हम मध्यप्रदेश को देश का खेल हब बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही नई खेल नीति लायी जायेगी। इसके साथ ही खेलों का महत्व बढ़ाने के लिए स्पोर्टस कोर्स कम्पलसरी होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश की खेल प्रोत्साहन योजनाओं और भविष्य की योजनाओं की केन्द्रीय खेल मंत्री श्री किरण रीजिजू ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि अगले सत्र से खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों का चयन ऑनलाइन किया जाएगा।
खिलाड़ियों के लिये चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा
खेल मंत्री श्री जीतू पटवारी ने जानकारी दी कि प्रदेश के खिलाड़ियों को अब चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश अब खिलाड़ियों का बीमा कराने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में विभिन्न खेल अकादमियों के लगभग 822 खिलाड़ियों को इसका लाभ दिया जा रहा है। चिकित्सा बीमा के अन्तर्गत खिलाड़ी देश के चुनिन्दा अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में अपना ईलाज करवा सकते हैं। इसके लिये उन्हें 2 लाख रुपये तक नि:शुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। खिलाड़ियों का 5 लाख रुपये का जीवन बीमा भी कराया गया है। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के खिलाड़ियों के अभिभावकों को भी जीवन बीमा में शामिल किया गया है।
श्री पटवारी ने जानकारी दी कि बीमा के माध्यम से खिलाड़ियों को पूरे देश में कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रदेश के ऐसे खिलाड़ी जो अधिकृत रूप से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभागिता कर रहे हैं, उन्हें भी चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा की कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है। इसके लिये संबंधित खेल संघ को राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी की प्रमाणित सूची उपलब्ध करानी होगी। परीक्षण के बाद खिलाड़ी का पंजीयन कर यह सुविधा उसे उपलब्ध कराई जाएगी।
शासकीय नौकरी में खिलाड़ियों को 5 प्रतिशत आरक्षण
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर लगातार पदक हासिल करने के बाद भी खिलाड़ियों को नौकरी से वंचित रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार नई खेल नीति में यह व्यवस्था की जा रही है कि शासकीय नौकरी में खिलाड़ियों को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल सके।
प्रोत्साहन राशि में कई गुना वृद्धि
मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि प्रतिभावान खिलाड़ियों और खेल संघों के अनुदान और पुरस्कार की राशि में कई गुना वृद्धि की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ी को मिलने वाली 5000 रूपये की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किये जाने का प्रस्ताव है। पूर्व में राज्य स्तरीय आयोजन के लिये 50 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये और राष्ट्रीय स्तर पर दी जाने वाली 2 लाख रुपये की अनुदान राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
प्रमुख उपलब्धियाँ
महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिये महिला खिलाड़ियों के साथ महिला क्रीड़ा अधिकारी का जाना अनिवार्य होगा।
मध्यप्रदेश में विश्व स्तरीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के लिये विकासखण्ड, जिला एवं संभागीय स्तर पर गुरूनानक देव प्रांतीय ओलम्पिक प्रारंभ किया गया है। अब स्कूली स्तर पर भी अण्डर-16 प्रांतीय ओलम्पिक शुरू किया जाएगा। अगले वर्ष से प्रांतीय ओलम्पिक में ट्राफी के साथ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान भी किया जाएगा।
इंदौर में स्वीमिंग पूल, छिन्दवाड़ा में फुटबाल और नरसिंहपुर में वॉलीबाल अकादमी की स्थापना की जाएगी।
पीपीपी मोड से खेल अधोसंरचना का निर्माण होगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंदौर में स्पोर्टस काम्पलेक्स बनाये जाने का प्रस्ताव है। इसकी सफलता के बाद भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में स्पोर्टस इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाएगा।
ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर, नरसिंहपुर, विदिशा, शिवपुरी, पोहरी, कोलारस, अशोकनगर, पवई में इंडोर हाल निर्माणाधीन है।
छिन्दवाड़ा, आगर-मालवा, कालापीपल, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, बैतूल, खरगौन, मंदसौर, मुरैना, गुना और दमोह में इंडोर हाल प्रस्तावित है।
टी.टी. नगर स्टेडियम में तीन मंजिला बहुउददे्शीय इंडोर हाल का निर्माण कार्य जारी है।
टी.टी. नगर स्टेडियम में रॉक क्लाइंबिंग वॉल का निर्माण प्रस्तावित है।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विधायक खेल प्रोत्साहन योजना के तहत खेलों की आधारभूत अधोसंरचना और खेल गतिविधियों के प्रभावी संचालन के लिये क्षेत्रीय विधायक को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, विधायक के लिये निर्धारित राशि को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।