भोपाल- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि पर्यटन और निवेश के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी प्रदेश बनाया जाएगा। श्री कमल नाथ आज मिंटो हॉल में शासकीय तौर पर प्रदेश में पहली बार राजसी घरानों में प्रचलित उत्कृष्ट व्यंजनों पर केन्द्रित रॉयल कुसिंज़ फूड फेस्टिवल का उद्घाटन कर रहे थे। कार्यक्रम में आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओंकार सिंह मरकाम एवं सांसद श्री नकुल नाथ उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि इस फेस्टिवल के जरिए प्रदेश में पर्यटन के साथ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना राज्य शासन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि मध्यप्रदेश की प्रोफाईल में बदलाव लाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे प्रदेश में अपार संभावनाएँ है, पर उसके अनुरूप अपेक्षित विकास न होने के कारण हम अपनी उपलब्ध सम्पदा का यहाँ के नागरिकों और प्रदेश को लाभ नहीं दिला पाए। श्री कमल नाथ ने कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिससे न केवल आर्थिक समृद्धि आएगी बल्कि रोजगार के भी व्यापक अवसर निर्मित होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान की समृद्धि में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। उसके मुकाबले मध्यप्रदेश कहीं भी कम नहीं है लेकिन हम अपनी ब्राडिंग नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश टाईगर स्टेट है। हमारे पास कान्हा, बांधवगढ़ जैसे नेशनल पार्क हैं, लेकिन पर्यटन के नक्शे में रणथम्भोर और जिम कॉर्बेट का ही जिक्र है। श्री कमल नाथ ने कहा कि हमें अपने पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग करना होगी, तभी हम इसका लाभ प्रदेश को दिला सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने रॉयल कुसिंज़ फूड फेस्टिवल को सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि हमें इस तरह के आयोजन न केवल प्रदेश में बल्कि देश के दिल्ली, मुम्बई, बैंगलुरु और अमृतसर जैसे बड़े शहरों में भी करना चाहिए। इससे मध्यप्रदेश की एक अलग पहचान बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाना बनाना न केवल एक कला है बल्कि शिल्प भी है। हमारे प्रदेश के राजघरानों में इसकी बेहतर परम्पराएँ हैं। उनका उपयोग और उनकी लांचिंग करके हम प्रदेश के पर्यटन को एक नई ऊँचाई दे पाएंगे।
पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की मंशा है कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश हो और हम अपनी पर्यटन सम्पदा की राष्ट्रीय पहचान बनाएं। इसलिये पर्यटन विभाग ने रॉयल कुसिंज फूड फेस्टिवल की अभिनव पहल की है। उन्होंने बताया कि इस अनूठे आयोजन के जरिए हमने प्रदेश के राजघरानों में प्रचलित सभी प्रकार के व्यंजनों को लोगों तक पहुँचाने का प्रयास शुरू किया है। इसके जरिए हम राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश की पर्यटन गतिविधियों को रेखांकित करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री प्रदेश के ऐसे पर्यटन स्थलों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिनमें पर्यटकों का आना सुनिश्चित है। ओरछा, बुंदेलखण्ड और माण्डव महोत्सव को इसी दृष्टि से भव्यता के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है।
पंजाब से आए सेलेब्रिटी शेफ श्री हरपाल सिंह ने कहा कि उनका मध्यप्रदेश से पुराना रिश्ता है। वे यहाँ एक विंटेज होटल में शेफ के तौर पर काम कर चुके हैं। उस होटल में होलकर घराने के रिचर्ड होलकर और सुश्री शालिनी होलकर खाना खाने आते थे। उन्होंने बताया कि सुश्री शालिनी होलकर ने उन्हें कुकिंग की एक पुस्तक भेंट की थी, जो उनके लिए बाईबल के समान है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में राजघरानों के खाने की भव्य और शानदार परम्पराएँ हैं। आवश्यकता इस बात की है कि इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित किया जाए। उन्होंने कहा कि रॉयल कुसिंज़ फूड फेस्टिवल एक अच्छी पहल है। इससे मध्यप्रदेश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी।
वरिष्ठ पत्रकार श्री अवनीश जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन क्षमताओं और संभावनाओं से परिपूर्ण है। केरल के बाद मध्यप्रदेश प्राकृतिक सौन्दर्य के मामले में सबसे समृद्ध प्रदेश है। उन्होंने फूड फेस्टिवल आयोजन के उद्देश्यों की सराहना की।
पर्यटन सचिव श्री फैज अहमद किदवई ने रॉयल कुसिंज़ फूड फेस्टिवल के उद्देश्य और रूपरेखा की जानकारी दी। फेस्टिवल में मध्यप्रदेश के भोपाल, सैलाना, रीवा, नरसिंहगढ़, झाबुआ, कुरवई, होलकर, जौरा एवं गढ़ा राजघरानों के प्रतिनिधि श्री पुष्पराज सिंह, श्री रवि रानावत, श्री रनवीर सिंह, श्री नवाब जफर अली खान और श्री भारत सिंह शामिल हुए।
कार्यक्रम में देश के प्रसिद्ध शेफ श्री रिचर्ड ग्रहम, श्री वासुदेव रतनानी एवं गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज मध्यप्रदेश की श्रीमती लता टंडन और ब्लॉगर्स श्री शैलेन्द्र एस. जग्गी, श्री रविकांत रेड्डी एवं सुश्री मरियम एच. रेशी और सुश्री दरीना एलेन उपस्थित थीं।