पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने किये क्रांतिकारी प्रयास
पुलिस के प्रति संवेदनशील और अपराधियों के लिये सख्त सरकार
भोपाल - मध्यप्रदेश में बीते एक वर्ष में पहली बार पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने क्रांतिकारी प्रयास किये हैं। नई सरकार के इन प्रयासों से पुलिस महकमे में विश्वास का भाव जागा है। परिणामस्वरूप प्रदेश की पुलिस पहले से अधिक मुस्तैद हुई है।
साप्ताहिक अवकाश
अभी कुछ समय पहले तक 24X7 की ड्यूटी निभाना पुलिस के हिस्से में था। लगातार ड्यूटी के कारण पुलिस कर्मियों की स्वास्थ्य की समस्या और मानसिक अवसाद के मामले सामने आ रहे थे। ऐसे में नई सरकार ने पुलिस कर्मियों को सप्ताह में एक दिन अवकाश देने का निर्णय लिया। पुलिसकर्मियों के हित में पहली बार इस तरह का बड़ा फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना
मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक तथा निरीक्षक स्तर के पुलिस कर्मचारियों को निःशुल्क आवास सुविधा देने के लिये 25 हजार आवास का निर्माण कराया जा रहा है। प्रथम चरण में 5000 आवास का निर्माण पूर्ण हो चुका है। द्वितीय चरण में 5000 आवास का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। तृतीय चरण में 5000 आवासों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है।
संविलियन एवं अनुकम्पा नियुक्ति
एस.ए.एफ. के आरक्षक से प्रधान आरक्षक तक, जिनकी सेवा 5 वर्ष की हो गई है, उनका जिला पुलिस में 25 प्रतिशत तक पद पर संविलियन करने के लिए कार्य-योजना तैयार की जा रही है। इसी क्रम में मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों को पुलिस विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिलने पर अन्य विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने की योजना प्रचलन में है।
पुलिस परिसर में सेवा केन्द्र
पुलिस परिवार की महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिये वर्ष 2003 में पुलिस अनुसूचित जाति/जनजाति महिला कल्याण समिति का पंजीयन कराकर प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना, लायब्रेरी एवं बच्चों के लिए विद्यालय की स्थापना की गई थी। ये सेवा केन्द्र पिछले कई सालों से निष्क्रिय हो गए थे। अब इन्हें सक्रिय कर इनमें पुलिसकर्मियों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पुलिसकर्मियों के आश्रितों को रोजगार
पुलिस की अन्य इकाइयों की आश्रित महिलाओं और बालिकाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये विसबल रेंज ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर में केन्द्रीय कल्याण निधि से राशि स्वीकृत की गई है। सेनानी 6वीं वाहिनी जबलपुर, 2री वाहिनी ग्वालियर, प्रथम वाहिनी इंदौर, 15वीं वाहिनी इंदौर, 24वी वाहिनी जावरा, 32वीं वाहिनी उज्जैन में कल्याण केन्द्र स्थापित कर डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, ब्यूटीशियन, सिलाई, मेकअप आर्टिस्ट एवं ब्यूटी थेरेपिस्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे आश्रित महिलाएँ एवं बच्चियों को सरलता से रोजगार मिल सकेगा तथा वे आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर हो सकेंगी। प्रदेश पुलिस की सभी इकाइयों में आँगनवाड़ी, शिशु गृह तथा झूलाघर शुरू करवाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं।
अपराधों पर नियंत्रण एवं निर्णय
मध्यप्रदेश सरकार के अपराधों के खिलाफ सख्त रवैये से अपराधों में गिरावट दर्ज की गई है। नई सरकार के प्रति विश्वास का भाव आम आदमी में बढ़ा है। खासतौर पर महिला सुरक्षा को लेकर नई सरकार की कार्रवाई से अपराधियों में भय का वातावरण बन गया है।
महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा
इस वर्ष प्रथम पाँच माह में महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अपराधों में न्यायालयों से 1400 से अधिक प्रकरणों में सजा दिलाई गई है। यह गत वर्ष इसी अवधि की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। अब तक 27 मामलों में अपराधियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है।
अपराधों के खिलाफ प्रदेशव्यापी विशेष अभियान
प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया गया। अभियान में प्रदेश भर में 5947 अवैध हथियार एवं 3 लाख 6 हजार 856 लीटर अवैध मदिरा जप्त की गई। अवैध कारोबार में लिप्त आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। माह जनवरी से अप्रैल तक की अवधि में नारकोटिक्स विंग ने 17 हजार किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ तथा करीब 56 हजार अफीम और गांजे के पौधे जब्त किये। प्रतिबंधित नशीले केमिकल्स की 32 हजार से ज्यादा सीरप और गोलियाँ जब्त की गईं। अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 1285 आरोपियों पर एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई की गई। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के 30 हजार 895 प्रकरणों में 32 हजार 919 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। कुल 30 हजार गिरफ्तारी वारन्ट की तामीली कराई गई। तामीली का प्रतिशत लगभग 69 रहा। गुमशुदा बालक-बालिकाओं को खोजने के लिए 15 मार्च से 15 अप्रैल तक विशेष अभियान चलाकर कुल 1054 बच्चों को ढूँढ़ने में पुलिस को उल्लेखनीय सफलता मिली।
सराहना/पुरस्कार
नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस ने 14-14 लाख रुपये के इनामी नक्सलियों अशोक उर्फ मंगेश और नक्सली महिला नंदे को जिला बालाघाट के थाना लॉजी के अंतर्गत ग्राम नेवरवाही में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा इस अभियान में अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय देने वाले 19 कर्मियों को क्रम पूर्व पदोन्नति (आउट ऑफ टर्न) दी गई है। गुंडा विरोधी अभियान में पुलिस अधीक्षक, उज्जैन के नेतृत्व में कुख्यात बदमाश रोनक एवं उसके साथियों को भारी मात्रा में हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया।
प्रशिक्षण एवं आधुनिक तकनीक
मध्यप्रदेश के सभी पुलिस महानिरीक्षकों को उनके अधीनस्थ जिलों में नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम करने के निर्देश दिये गये हैं। सभी पुलिस प्रशिक्षण संस्थाओं में भी पुलिस को विधिक प्रक्रिया एवं जाँच के आधुनिक तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिला सुरक्षा के प्रयास
प्रदेश में महिला सुरक्षा के लिये 17 से 45 वर्ष आयु वर्ग की बीपीएल वर्ग की महिलाओं को निःशुल्क स्मार्ट फोन दिये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें आत्म-रक्षा के लिये एप इंस्टाल होगा। महिला द्वारा इसके उपयोग से पुलिस तत्काल मदद के लिए पहुँच सकेगी। इस एप से शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी महिलाओं को प्राप्त हो सकेगी।
मॉडल एक्ट और मॉब लिंचिंग कानून
जुलिया रिबेरा, मालिमाथ, सोली सोराबाजी कमेटी की सिफारिशों का अध्ययन कर प्रदेश में पुलिस मॉडल एक्ट लागू करने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही उच्चतम न्यायालय के निर्णयानुसार राज्य सरकार ने मॉब लिंचिंग अथवा भीड़ द्वारा अन्य कारणों से दुष्प्रेरित होकर की जाने वाली घटनाओं के खिलाफ कानून बनाने का निर्णय लिया है।
प्रदेश में आतंकवाद विरोधी कानून की तर्ज पर साम्प्रदायिक/जातिगत फसादत के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान किया जा रहा है। नई सरकार द्वारा अपराधों पर नियंत्रण पाने तथा अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए कठोर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं को भी मूर्त रूप दिया जा रहा है। सरकार के संवेदनशील व्यवहार से पुलिस प्रशासन में चुस्ती आ गई है। आम आदमी में भी सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है। प्रदेश में शांतिपूर्ण वातावरण तैयार हो गया है।