मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

सीएबी राज्य में लागू करने को लेकर भाजपा ने घेरा कलेक्टर कार्यालय


- सांसद चौहान ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का लगाया आरोप
- राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन


खंडवा, संजय चौबे । हमारा देश प्रजातांत्रिक देश है। इस देश में सभी धर्मो का सम्मान होता है और सभी को यहां पर रहने की खुली आजादी है। नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांगलादेश और अफगानिस्तान में रह रहे हिन्दू, सिख, ईसाई, जैन और बुद्ध जो उस देश में अल्पसंख्यक है एवं वहां पीड़ा झेल रहे उन्हें भारत में नागरिकता प्रदान करने के लिए यह कानून बनाया गया। इसमें देश के मुसलमानों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस इस कानून को मुद्दा बनाकर देश में अशांति का माहौल पैदा कर रही है। यह बात भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने नागरिकता संशोधन कानून प्रदेश में लागू किए जाने को लेकर आयोजित धरने को संबोधित करते हुए कही। श्री चौहान ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएबी) को लागू करने के संबंध में प्रदेश की कांग्रेस सरकार हीला-हवाली कर रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस संबंध में बयान दे रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के चलते इस कानून को प्रदेश में लागू नहीं कर रही है। जबकि प्रदेश सरकार इसे लागू करने से इंकार नहीं कर सकती। इस कानून को प्रदेश में तत्काल लागू किए जाने की मांग हम कर रहे हैं। श्री चौहान ने कहा कि संसद द्वारा नागरिकता संशोधन बिल-2019 पारित किये जाने के बाद राष्ट्रपति महोदय ने भी उसे मंजूरी दे दी है। अत: वह कानूनी स्वरूप लेकर संपूर्ण भारत में रह रहे उन शरणार्थियों की भारतीय नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करता है, जिन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर उत्पीडि़त किया गया। इनकी जायदाद पर कब्जे कर लिये गये, घर के प्रमुख लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और बेटियों का अपहरण कर बड़े पैमाने पर बलात्कार और धर्म परिवर्तन कराये गये। इन हिन्दू, सिक्ख, ईसाई, जैन और बौद्ध आदि समुदाय के लोगों ने अपनी जान और सम्मान बचाने के लिये भारत में शरण ले रखी थी। पिछले कई वर्षों से इन्हें भारतीय नागरिकता देने की मांग हो रही थी, लेकिन बीते वर्षों में कांग्रेस की सरकारों ने वोट बैंक टूटने के भय से इसके लिये कोई कानून नहीं बनाया। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून को मध्य प्रदेश में लागू नहीं करने की बात कही है। मुख्यमंत्री का यह कथन भारत की संप्रभुता, संघीय व्यवस्था और संवैधानिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन है। मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे हुए व्यक्ति का यह वक्तव्य अत्यंत गंभीरता से लिये जाने की आवश्यकता हैं, वे कांग्रेस के स्टैण्ड पर चलने की बात कहते समय शायद यह भूल गए कि उनकी भूमिका कांग्रेस के कार्यकर्ता से अधिक राज्य के मुखिया की है। नागरिकता देने और नहीं देने का काम भारत सरकार का होता है, राज्यों का नहीं। लेकिन दुर्भाग्य से वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस की सरकार के मुखिया ने प्रदेश में भ्रम का वातावरण बनाते हुए अराजकता को बढ़ावा देने का कुत्सित प्रयास किया है। श्री चौहान ने कहा कि 1947 में पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या 23 प्रतिशत थी लेकिन पाकिस्तान द्वारा हिन्दुओं को प्रताडि़त एवं उन पर जुल्म किए जाने के पश्चात स्थिति यह बन गई है कि पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या 3 प्रतिशत रह गई है। मीडिया प्रभारी सुनील जैन ने बताया कि पूरे प्रदेश में संगठन के दिशा निर्देश पर जिला मुख्यालयों में मप्र में नागरिकता संशोधन कानून लागू कराने के संबंध में धरना एवं कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रस्तुत किए गए। जिला मुख्यालय खंडवा में भी मंगलवार को सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के नेतृत्व में सिविल लाईन स्थित दीनदयाल प्रतिमा स्थल के पास जिलाध्यक्ष सेवादास पटेल की अध्यक्षता में हजारों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में धरना दिया गया। धरने को सांसद नंदकुमारसिंह चौहान, जिलाध्यक्ष सेवादास पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष हरीश कोटवाले, कैलाश पाटीदार, राजेश डोंगरे, पुरूषोत्तम शर्मा, सुभाष कोठारी, मोहन गंगराड़े, श्यामसिंह मौर्य, नरेन्द्रसिंह तोमर, नंदराम पटेल ने भी संबोधित किया। धरने के पश्चात सांसद श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे लगाते एवं नरेन्द्र मोदी, अमित शाह जिन्दाबाद के नारों के साथ रैली कलेक्टर कार्यालय पहुंची। यहां पर भी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। ज्ञापन लेने पहुंचे एसडीएम श्री पाण्डेय को श्री चौहान ने कहा कि देश का बड़ा मामला है और यह ज्ञापन हम कलेक्टर को ही सौंपेंगे। सांसद श्री चौहान के साथ सभी कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय परिसर में बैठकर नारे लगाते रहे। कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल के आने के पश्चात सांसद श्री चौहान ने कहा कि मप्र में नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने को लेकर यह ज्ञापन हम राज्यपाल के नाम आपको सौंप रहे हैं। ज्ञापन का वाचन करते हुए सांसद श्री चौहान ने कहा कि संसद द्वारा नागरिकता संशोधन बिल राज्य व लोकसभा से पारित किए जाने के बाद राष्ट्रपति महोदय ने भी इसे मंजूरी दे दी है। अत: वह कानूनी स्वरूप लेकर संपूर्ण भारत में रह रहे उन शरणार्थियों की भारतीय नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करता है जिन्हें पाकिस्तान, बांगलादेश, अफगानिस्तान में धर्म के आधार उत्पीडि़त किया गया।


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