बुरहानपुर- कहते हैं डॉक्टर मरीजों के लिए भगवान का एक रूप होते हैं। डॉक्टर बीमारी के इलाज के साथ-साथ मरीजों की सेवा सुश्रुषा भी इस प्रकार से करते हैं कि जिससे कई बार मरीजों के मन में डॉक्टर के प्रति अथाह प्रेम एवं कृतज्ञता का भाव उत्पन्न होता है। जब मरीज पूर्णतया स्वस्थ हो जाता है तो डॉक्टर को भी अपनी सेवाओं का प्रतिफल मिल जाता है।
ऐसा ही उदाहरण बुरहानपुर के शुभ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में देखने को मिला।जानकारी के अनुसार दिमागी बुखार के चलते युवती की तबियत गंभीर हो गई थी, उसे बुरहानपुर में निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने जलगांव या इंदौर रेफर करने को बोल दिया था, लेकिन परिजनों के पास समय की कमी के चलते उसे शुभ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में लेकर आये, जिसका वहां के डॉक्टर द्वारा शीघ्र ही ट्रीटमेंट शुरू किया गया, 2 दिन पूर्व डॉक्टरों को पता नही चल रहा था की युवती को क्या हुआ , युवती अपने परिवार वालो को भी पहचान नही पा रही थी लेकिन शुभ हॉस्पिटल में उसके इलाज के पश्चात युवती पायल महाजन की तबियत में सुधार आया और वो अपने परिजनों को फिर से पहचानने लगी।
पायल और परिजनों ने डॉक्टर और हॉस्पिटल स्टाफ को धन्यवाद अदा किया।जानकारी देते हुए पायल के पिता धनराज महाजन ने कहा कि उसे बुरहानपुर में किसी भी डॉक्टर ने लेने से मना कर दिया था लेकिन शुभ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मेरी बेटी का इलाज शुरू किया, जहा तक कि मेरी बेटी हमे भी पहचान नही पा रही थी, डॉक्टरों की मदद से मेरी बेटी की तबियत अच्छी हुई है, वही पायल का इलाज कर रहे डॉ. नीलेश हिरे ने कहा कि दिमागी बुखार के कहते पायल अपने घर वालो को भी नही पहचान पा रही थी, 10 दिनों तक इलाज के बाद पायल में सुधार आया है और आज उसकी छुट्टी की गई है। किसी भी डॉक्टर के प्रति विश्वास और ईश्वर के प्रति श्रद्धा से हर कार्य संभव हो सकता है बशर्ते की इमानदारी से कोशिश की जाये।