बुरहानपुर (मेहलक़ा अंसारी) प्राचीन सुन्नी धार्मिक मदरसा संस्थान जामिया अशरफिया इजहार उल उलूम बुरहानपुर, मदरसा नोमान ए रजा, मदरसा गौसिया हबीबीया, मदरसा नूरिया बदरुल इस्लाम, मदरसा हलीमा सादिया, मदरसा फारुकिया सुल्तान उल उलूम बुरहानपुर के संचालन कर्ताओं की ओर से शांतिपूर्ण तरीके से आज 9 जनवरी 2020 गुरुवार को एक ज्ञापन भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम एसडीएम बुरहानपुर काशीराम बडोले की सेवा में प्रस्तुत किया गया। जामिया अशरफिया बुरहानपुर के लेटर पैड पर दिए गए ज्ञापन पर मदरसों के संचालन कर्ताओं ने अपने हस्ताक्षर एनआरसी और सीएए के विरोध में अंकित किए हैं । जामिया अशरफिया बुरहानपुर के संचालन करता और पीर-ए- तरीकत मौलाना अलहाज अहमद अशरफ अशरफी ने बताया कि हम इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे । यह कानून भारत को तोड़ने का काम कर रहा है । ज्ञापन देने के इस अवसर पर मस्जिद शनवारा गेट के इमाम मौलाना कलीम अशरफ अशरफी, मदरसा नोमान ए रजा के संचालक नजमुल हसन उर्फ ईदु भाई, सुन्नी दावते इस्लामी बुरहानपुर के प्रचारक डॉक्टर फिरोज खान नूरी,, डाक्टर महमूद खान, हिंदुस्तानी मस्जिद के इमाम कारी अब्दुल रशीद चिश्ती, कारी आकिल अशरफी, मदरसा हलीमा सादिया के संचालक कारी शोएब चिश्ती, उस्ताद लतीफ शाहिद, सीनियर एडवोकेट उबैद मोहम्मद शेख, शोएब कादरी, सईद चट्टान, बरकाती मिशन बुरहानपुर के संचालक तनवीर रजा बरकाती, क़ारी इकबाल जिया, सोहेल गफ्फार अंसारी आदि मौजूद थे। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए एडवोकेट उबैद शेख ने बताया कि यह कानून हिंदुस्तान के खिलाफ है। लिहाजा हम इसको वापस लेने की मांग करते हैं। मुस्लिम समाज के समस्त सुन्नी मदरसों और सुन्नी उलेमा के समर्थन में हम उनके साथ खड़े हैं और इस विवादित कानून को वापस लेने की मांग करते हैं ।