गुरुवार, 2 जनवरी 2020

बुरहानपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को पंगु करने की साजिश, राजनीतिक दबाव में किया जा रहा है चिकित्सकों का स्थानांतरण


बुरहानपुर- लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट के प्रभारी जिले बुरहानपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को पंगु करने की साजिश की जा रही है । लाखों मरीजों के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके जिला अस्पताल तो बना दिया गया है लेकिन चिकित्सकों की कमी के चलते कई स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। इस संबंध में जिला प्रभारी मंत्री को कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने ज्ञापन देकर अवगत भी कराया है और स्वयं प्रभारी मंत्री ने भी जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करते समय डॉक्टरों की कमी को स्वीकार किया है। फिर भी बुरहानपुर जिले से प्रोग्रामर डॉ सुनील पाटिल का स्थानांतरण करवाना यह बुरहानपुर के बाशिंदों के गले नहीं उतर रहा है । 
 एक तरफ जिले में जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक षड्यंत्र के चलते डॉक्टर पाटिल का स्थानांतरण अलीराजपुर किया जाना अन्य चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों में असंतोष का कारण बन रहा है। उल्लेखनीय है कि बुरहानपुर में पावरलूम बुनकरों में टीबी की बीमारी धीरे-धीरे महामारी के रूप में घरों तक फैल रही थी वही प्रोग्रामर डॉक्टर सुनिल पाटिल तथा डॉ राजेंद्र वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के अन्य सहयोगियों के साथ इस पर काबू पाकर मध्यप्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया।


जिले में 75 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त हैं
 


जिले में स्वास्थ्य विभाग में 75 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं । कई चिकित्सकों के पास एक से अधिक पद हैं । काम का अधिक दबाव होने के बाद भी यह लोग अपना कर्तव्य निभा रहे हैं । लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के जिले के प्रभारी होने के पश्चात भी यहाँ चिकित्सकों की  नियुक्तियां नहीं करवा पाए । इससे यह साबित होता है कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कितनी संवेदनशील है ?
 
पूर्व में 3 चिकित्सक छोड चुके हैं नौकरी



सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि इसके पूर्व भी राजनीतिक दबाव के चलते 3 चिकित्सकों ने यहां से इस्तीफे दे दिए है। जिला चिकित्सालय में पदस्थ डाॅ. दिपक थावानी, डाॅ सकीना सैफी एवं डाॅ. श्वेता शिवहरे ने इन्ही कारणों से यहाँ पर सेवाओं से तौबा कर ली ।



आखिर कब तक बुरहानपुर वासियों को भुगतना पड़ेगा


सूत्र बताते हैं कि डॉक्टर सुनील पाटील का स्थानांतरण यकायक नहीं हुआ इसके पीछे बड़ी राजनीतिक स्वार्थ की मंशा प्रतिपादित होती है। स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य विभागों में भी राजनीति साहूकारों  द्वारा अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए दबाव बनाए जा रहे हैं जिसे अधिकारी भी महसूस करते हैं लेकिन कुछ कहने से डर रहे हैं कहीं इनका भी ट्रांसफर ना हो जाए आखिर जिले में कब तक ऐसा होगा? इसी डर के चलते अन्य जिले के अधिकारी यहां आने से पूर्व ही अपना स्थानांतरण रद्द करवा लेते हैं। यही हाल रहा तो बुरहानपुर का विकास जो धीमी गति से रेंग रहा है वह आगे ही नहीं बढ़ पाएगा। वैसे भी बुरहानपुर की राजनीति किसी से छिपी नहीं है राजनीतिक द्वन्द्व के चलते बुरहानपुर के विकास पर इसका सीधा असर पड़ा है । शिक्षा के साथ-साथ अब स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित होने लगी है


भाजपा ने जारी की बुरहानपुर के 45 वार्ड प्रत्याशियों की सूची,3 को रखा होल्ड पर

बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) भारतीय जनता पार्टी संभागीय कार्यालय इन्दौर की संभागीय चयन समिति के संयोजक श्री मधु वर्मा एवं श्री गजेंद्र पटेल के ...