भोपाल। सागर जिले के धर्मश्री क्षेत्र में विगत 14 जनवरी को मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा 24 वर्षीय दलित युवक धन प्रसाद अहिरवार को घेरकर जलाए जाने के मामले में समुचित कार्रवाई नहीं होने और घायल को उचित उपचार नहीं मिलने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष एल.मुरुगन मंगलवार को भोपाल पहुंचे तथा अस्पताल में भर्ती दलित युवक को मिल रहे उपचार की स्थिति को देखने के बाद उसके परिजनों से चर्चा की। घायल युवक के परिजनों से चर्चा के बाद मीडिया से चर्चा में श्री मुरुगन ने बताया कि विगत 14 जनवरी को सागर जिले में मुस्लिम समाज के करीब 15-20 लोगों ने दलित युवक धन प्रसाद अहिरवार को घेरकर उस पर मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया। जिनमें पांच आरोपियों के नाम पीड़ित के परिजनों ने उन्हें बताए हैं। शेष आरोपियों को वह नहीं पहचानते। परिजनों ने उन्हें बताया कि तीन साल पहले और एक साल पहले भी आरोपियों द्वारा उनके साथ मारपीट कर इसी तरह की घटना करने का प्रयास किया था। प्राथमिकी दर्ज कराने वे थाने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अगर कार्रवाई हो गई होती तो आरोपी इस घटना को अंजाम नहीं दे पाते। श्री मुरुगन ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में सागर के पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि घटना में शामिल अन्य अज्ञात आरोपियों के नाम भी एफआईआर में शामिल कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए। साथ ही पीड़ित परिवार की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के विरुद्ध भी एस.सी./एस.टी. एक्ट के सेक्सन 4 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए।
राष्ट्रीय अजा आयोग के उपाध्यक्ष श्री मुरुगन भोपाल के अस्पताल में चल रहे घायल युवक के उपचार से भी संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने बताया कि इस घटना में 60-65 प्रतिशत जला युवक भोपाल के जिस अस्पताल में भर्ती है वहां उसके उपचार का समुचित प्रबंध नहीं है। उसे आईसीयू में भर्ती नहीं किया गया है, जबकि जलने के केश में घायल को एसी चेम्बर में भर्ती कराना अति आवश्यक है। इसी प्रकार अस्पताल में उपचार के पर्याप्त संशोधन भी नहीं दिखे। इस कारण आयोग ने घायल युवक के परिजनों के सामने प्रस्ताव रखा है कि आयोग शासकीय खर्च पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराकर उचित उपचार कराया जा सकता है। अगर परिजन राजी होंगे तो एयर एम्बूलेंस से कल ही उसे दिल्ली जाने की व्यवस्था कर दी जाएगी। आयोग के उपाध्यक्ष श्री मुरुगन ने बताया कि पीड़ित अजा परिवार को नियमानुसार 25 प्रतिशत मुआवजा राशि प्राथमिकी होने के तुरंत बाद दिए जाने, 50 प्रतिशत राशि आरोप फाइल होते ही दिए जाने के निर्देश दिए हैं। श्री मुरुगन ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकार से भी आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए। घायल युवक के समुचित उपचार का आग्रह भी उन्होंने प्रदेश सरकार से किया है।
बुधवार, 22 जनवरी 2020
जिंदा जलाए दलित युवक को देखने अस्पताल पहुंचे राष्ट्रीय अजा आयोग के उपाध्यक्ष दोषी पुलिस कर्मियों पर भी कराएंगे प्राथमिकी
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