भोपाल। आज महंगाई के दौर में दामाद और बहू की खोजबीन करना बहुत परेशानी वाला काम है। इस तरह के मंच लाईफ पार्टनर की तलाश में बहुत सहयोगी बनेंगे। ऐसे सम्मेलन होते रहना चाहिए। सम्मेलन का दूसरा फायदा है कि सभी लोग परिवार समेत एक-दूसरे को जानने का अवसर मिलता है। उक्त बात रविवार को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उईके ने कही। वे आदिवासी सेवा मंडल के एमपी नगर स्थित प्रस्तावित भवन स्थल पर 15वां अभा युवक-युवती परिचय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई थीं। उन्होंने अपने 23 मिनट के वक्तव्य में कई बातें रखीं। उन्होंने कहा कि अगर इस देश में कोई मूलवासी है, वह आदिवासी ही है। हमारी प्राकृतिक स्वरूप की परंपरा रही है, वह बहुत समृद्धशाली है। इसको युवा पीढ़ी न भूलें। जय बड़ा देव, जय जुहार यह हमारी संस्कृति है। इनको जीवित बनाए रखें। जो कुछ भी मिला है, वह हमें अपने मां-बाप से मिला है, उससे दूर न रहें।
कोदों-कुटकी फाइव स्टार होटल का महंगा भोजन
राज्यपाल उईके ने कहा कि आदिवासी इस देश का मूलनिवासी है। गोदन गुदवाने का वैज्ञानिक तथ्य है। गोदन ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है। इसलिए हमारी जो परंपराएं हैं, उनको जीवित बनाए रखें। जो कुछ भी मिला है, वह हमें अपने मां-बाप से मिला है, उससे दूर न रहें। जल, जंगल, जमीन की रक्षा जनजाति समाज कर रहा है। कोदो, कुटकी, महुआ के तत्वों को हमारा समाज पहले से पहचानता था, जो आज वैज्ञानिक तरीके से मेडिसिन के रूप में सामने आया है। इन खाद्य पदार्थों से बना व्यंजन बड़े-बड़े फाइव स्टार होटलों का महंगा भोजन बन गया है। गोदन गुदवाना हमारी संस्कृति की पहचान है। गोदन ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है। इस मौके पर राज्यपाल उईके ने डॉ. बीएल सिंह स्मृति चिन्ह से डॉ. सूरज कुबरे और पूर्व राज्यपाल स्व. उर्मिला सिंह की स्मृति चिन्ह से पीसी बारस्कर को सम्मानित किया गया। इसके पूर्व राज्यपाल उईके के आगमन पर उनका आदिवासी नृत्य परंपरानुसार स्वागत किया। कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुति दी।
दहेज बिल्कुल भी नहीं मांगें
आदिवासी सेवा मंडल के अध्यक्ष मनोहर सिंह ठाकुर, महिला प्रभाग की अध्यक्ष चंदा सरवटे ने बताया कि मंच से 250 से अधिक युवक-युवतियों ने बेबाकी के साथ अपना परिचय दिया। इसमें सरकारी नौकरियों, बिजनेसमेन, डॉक्टर, इंजीनियर व पीएससी, यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवक-युवतियां भी शामिल हैं। युवतियों ने कहा कि दहेज का मैं सख्त विरोध करती हूं। इसलिए दहेज नहीं मिलेगा। ऐसे लोग जो दहेज की इच्छा रखते हैं, वे संपर्क नहीं करें। जो इसका विरोधी है, ऐसे परिवार का रिश्ता स्वागत योग्य है। वहीं युवकों ने उत्साह भरे अंदाज में उपस्थित लोगों का अभिवादन करते हुए अपना परिचय दिया और जीवनसाथी के लिए पसंद बताई। इस मौके पर डॉ. दीपक मरावी, प्रकाश ठाकुर, महेंद्र कंबर, एचएल बट्ट, लक्ष्मी कंबर, कृतिका ठाकुर बड़ी संख्या में समाजबंधु मौजूद थे।
रविवार, 19 जनवरी 2020
महंगाई के दौर में दामाद और बहू की खोजबीन करना बहुत परेशानी वाला काम है- राज्यपाल उईके - आदिवासी युवक युवती परिचय सम्मेलन संपन्न
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