(राजेन्द्र के.गुप्ता 98270-70242)
पत्रकार-RTI कार्यकर्ता के सुझाव पर, भत्ता बढ़ाने का प्रस्ताव PHQ ने मंत्रालय को भेजा
महँगाई के इस जमाने में पुलिस विभाग अपने टीआई से लेकर आरक्षक तक को सिर्फ 650 रु. मासिक पौषण आहार भत्ता देता है और 24 घंटे ईमानदारी से ड्यूटी में ख़ूब दौड़ता है । इसके बावजूद *उम्मीद की जाती है, पुलिस थाने के टीआई से लेकर आरक्षक फिट रहे और ताकतवर बने रहे जिससे उनकी पकड़ से मुजरिम भाग ना सके !* पुलिस विभाग में कई अधिकारी जिनमे *एसपी से लेकर सिपाही तक शामिल है बॉडी-बिल्डिंग कर रहे है, उनकी डाईट (पौषण आहार) की व्यवस्था वो ख़ुद करते है जबकि वो नाम विभाग का रोशन करते है* ।
इसके उलट यह भी बात सामने आती है कि कई पुलिस अधिकारी-कर्मचारी तोंदू हो रहे है...वो कैसे पाठक ख़ुद समझे। मेहनती पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को पौष्टिक डाईट देने के लिए सरकार की तरफ से व्यवस्था करने के लिए इंदौर के पत्रकार-RTI कार्यकर्ता आर.के.गुप्ता ने तथ्यपूर्ण सुझाव प्रदेश सरकार को वर्ष 2018 में भेजा था। गुप्ता ने सुझावों को मुख्य सचिव सुधि रंजन मोहंती ने गम्भीरता से लेकर गृह मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव को अमल करने के लिए भेजा था । गृह मंत्रालय ने उसे पुलिस मुख्यालय भेज दिया था । जिस पर पुलिस मुख्यालय भोपाल की योजना शाखा के सहायक पुलिस महानिरीक्षक ने पौषण आहार भत्ता 650 से बढ़ा कर 1500 करने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा, जो साल भर से पेंडिंग है। इसी तरह गुप्ता के अन्य सुझावों पर कार्यवाही करने पर विचार कर, एक साल से अधिक अवधि से विभाग की अन्य शाखाओं को पत्र लिखने की प्रक्रिया ही की जा रही है। इसकी जानकारी गुप्ता को पुलिस मुख्यालय से भजे गए पत्र के माध्यम से मिली है ....। साल भर पहले पुलिस मुख्यालय से पौषण आहार भत्ता 650 रु. से 1500 रु. करने के लिए भेजा गया प्रस्ताव अब भी विचाराधीन है... जबकि इस अवधि के बीच सत्ता पाने या सत्ता में बने रहने के लिए, वोट की ख़ातिर, मुफ़्त बाटने, माफ़ी देने जैसी कई योजनाओं पर अमल किया जा चुका है। अर्थात *काम करने वालों को राहत देने में सरकार का हाथ तंग रहता है,* जबकि पुलिस विभाग से जुड़े परिवार के भी अच्छे खासे वोट होते है......, *खैर अच्छे और मेहनती पुलिस अफसरों को शासन से मदद बढ़ कर मिल सके इसके लिए हमारी लड़ाई जारी है....* हमने भी सारी स्थिति को लेकर सरकार को फिर एक पत्र लिखा है...,आगे मामला कोर्ट तक भी ले जाया जा सकता है