राजगढ। प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि, दिनांक 20.10.2017 को थाना माचलपुर में फरियादिया द्वारा इस आशय की रिपोर्ट लेख करायी गयी दिनांक 19.10.2017 को शाम 06ः00 बजे उसकी लडकी तथा लडका दोनो गांव की दुकान पर फूलझडी एवं फटाखा लेने गये थे वापस घर आये तब फरियादिया उनसे फूलझडी लेकर अंदर रखने गयी पीछे-पीछे उसका लडका भी अंदर आ गया था पीडित बालिका बाहर ही थी। फरियादिया ने बाहर आकर देखा तो उसकी लडकी वहां नहीं थी, गांव के लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि उसकी लडकी को तो आरोपी कालू बागरी पानी की टंकी सरकारी स्कूल तरफ ले जाता हुआ दिखा था तलाशने पर स्कूल के पीछे तलाई के यहां गड्ढे में बच्ची दिखी उन्हें देखकर कालू वहां से भाग गया। उक्त घटना के संबंध में फरियादी द्वारा पीडित बालिका को साथ ले जाकर माचलपुर थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई गई।
उपरोक्त प्रकरण के निर्णय में माननीय न्यायालय श्रीमति अंजली पारे विशेष न्यायधीश पाॅक्सो एक्ट राजगढ ने मध्यप्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के अंतर्गत पीडिता को पीडिता के विरूद्ध किये गये अपराध के कारण पीडिता को प्रतिकर दिये जाने के आदेश पारित किये थे।
उक्त प्रकरण के विशेष लोक अभियेाजक श्री आलोक श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि बलात्कार के अपराधों की पीडित महिलाओं द्वारा राजीनामा न कर आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में गवाही देती है, तो ऐसी गवाही के आधार पर आरोपीगणों को न्यायालय से दण्डित किया जाता है और मध्यप्रदेष पीडित प्रतिकर योजना के तहत राज्य शासन से क्षतिपूर्ति दिये जाने के आदेश भी पारित किये जाते है। इस प्रकरण में इसी प्रकार का आदेश निर्णय के समय न्यायालय से कराया गया था, जिसके आधार पर पीडिता बालिका को 2 लाख रूपये का ई-पेमेंट कर उसके बैंक खाते में राशि भेज दी गयी है।
न्यायालय के निर्णय के पालन में म0 प्र0 अपराध पीडित प्रतिकर योजना 2015 की अनुसूची 05(ख) अनुसार पीडिता के संरक्षक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र तथा न्यायालय द्वारा की गई अनुसंशा के आधार पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सर्वसम्मति से पीडित पक्ष के पुनर्वास हेतु अवयस्क बच्चों के साथ लैंगिक अपराध में राशि 2,00,000/- (अक्षरी दो लाख रूपये मात्र सावधी जमा के रूप में व्यस्क होने पर देय) प्रतिकर के रूप में पीडिता के भविष्य के पुर्नस्थापना तथा पुर्नवास हेतु पीडिता को भुगतान की स्वीकृति विगत दिनों प्रदान की ।