देश के ताज़ा राजनीतिक हालात पर राजनीतिक विश्लेषक और समाजसेवी प्रकाशपुंज पांडेय ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार देश को सुचारू रूप से चलाने में असक्षम दिख रही है क्योंकि केंद्र सरकार, महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, महिलाओं पर अत्याचार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण आदि जैसे देश के अहम मुद्दों पर विचार विमर्श करने के बजाय केवल देश को अलग अलग विचारधाराओं में बांटने में लगी हुई है।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जो सत्तारूढ़ दल होता है देश की ज़िम्मेदारी उसी पर होती है। जहाँ एक ओर देश का एक वर्ग CAA और NRC के खिलाफ़ 50 दिनों से देश के विभिन्न हिस्सों में धरना-प्रदर्शन कर रहा है वहीं दूसरी ओर देश के सत्तारूढ़ दल के नेता अनर्गल बयानबाजी करने में व्यस्त हैं। हाल ही में देश के वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भरी जनसभा को संबोधित करते हुए गोली मारने जैसे भड़काऊ बयान दिया, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने भी घर में घुसकर महिलाओं के साथ रेप करने जैसे भर्त्सना योग्य बयान दिया, भाजपा नेता अनंत हेगड़े ने तो देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आज़ादी की लड़ाई को ही ड्रामा करार दिया और पूर्व में भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त साबित कर दिया।
अब सोचने वाली बात यह है कि ऐसी गलत बयानबाजी करने वाले नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? उल्टा दिल्ली में एक चुनावी सभा में शाहीन बाग पर जहां महिलाएं और बच्चे 50 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे संयोग और प्रयोग बता रहे हैं। नरेंद्र मोदी को समझना चाहिए कि वहाँ जो माताएँ बहनें और लोग बैठे हैं वो भी भारत की ही जनता हैं जिनके वे प्रधानमंत्री हैं। अगर CAA और NRC के विषय पर देश के एक वर्ग को कोई संदेह है तो उन्हें समझाने की ज़िम्मेदारी भी केंद्र सरकार की ही है और केंद्र सरकार इससे बचती हुई दिखाई दे रही है।
*प्रकाशपुन्ज पाण्डेय,*
*राजनीतिक विश्लेषक और समाजसेवी,*
*रायपुर, छत्तीसगढ़*
*7987394898, 9111777044*