बुरहानपुर -राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर म0प्र0 के निर्देशानुसार तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र एस पाटीदार के मार्गदर्शन में इस वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन आज 8 फरवरी, 2020 शनिवार को जिला न्यायालय बुरहानपुर मंे प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, फेमेली कोर्ट बुरहानपुर द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्री के.एस.बारिया, श्री संजीव गुप्ता, श्री नरेन्द्र पटेल, श्री राकेश पाटीदार अपर जिला न्यायाधीशगण तथा धीरेन्द्र मण्डलोई मुख्य न्यायिक मजिस्टेट, श्री रामसिंह बघेल, शीतल बघेल, आयुष कनेल, रंजना डोडवे, अमित शर्मा, पलक श्रीवास्तव, परिधी शर्मा, चेतन बजाड न्यायाधीशगण तथा राबिन दयाल जिला विधिक सहायता अधिकारी उपस्थित रहें। शुभंारभ अवसर पर अभिभाषक संघ अध्यक्ष श्री मोहनलाल प्रजापति, सचिव श्री सत्यनारायण वाघ, न्यायालय अधीक्षक, अन्य कर्मचारीगण तथा पैरा लीगल वालेंटियर उपस्थित रहे हैं।
न्यायालय में गठित सात खंडपीठों में राजीनामा योग्य विभिन्न प्रकार के 2271 प्रकरण रख गयें। परिवार न्यायालय से सबंधित प्रकरणो की खण्डपीठ श्री उपेन्द्रकुमार सोनकर, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय पीठासीन अधिकारी, अभिभाषक सदस्य श्रीमति सरोज गांधी, समाजसेवी सदस्य श्रीमती अल्तमस तरन्नुम खान, खंडपीठ श्री के0एस0 बारिया तृतीय अपर जिला न्यायाधीश पीठासीन अधिकारी, अभिभाषक सदस्य कुणाल ज्ञानी, समाजसेवी श्री दिलीप दलाल, खंडपीठ श्रीमान संजीव कुमार गुप्ता प्रथम अपर जिला न्यायाधीश पीठासीन अधिकारी, अभिभाषक सदस्य श्याम देशमुख, समाजसेवी श्री रधुनाथ महाजन, खंडपीठ खंडपीठ श्री राकेश पाटीदार, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश, अधिवक्ता सदस्य श्री सतीश चौधरी, समाज सेवी सदस्य नन्दकिशोर जांगडे, श्री धीरेंद्रसिंह मंडलोई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पीठासीन अधिकारी, अभिभाषक सदस्य जितेन्द्र वैष्णव, समाजसेवी सदस्य महेन्द्र जैन, खंडपीठ श्री आर एस बघेल तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 पीठासीन अधिकारी, अभिभाषक श्री भुपेन्द्र जुनागढे़, समाजसेवी सदस्य संदीप शर्मा, खंडपीठ सुश्री शीतल बघेल प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 अभिभाषक सदस्य श्री उमेश महाजन, समाजसेवी श्रीमती रितु भमोरे, खंडपीठ गठित कर राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण किया गया।
ना कोई जीता ना कोई हारा मूल उद्देश्य को ध्यान रखते हुवे आयोजित नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित मामलों मंे से 96 प्रकरण का राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया। उक्त प्रकरणो में पारिवारिक विवाद के प्रकरणों, मोटर दुर्घटना दावा के क्लेम प्रकरण, सिविल विवाद, आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरण, चैक बाउंस प्रकरण, घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के प्रकरणों में पीठासीन अधिकारी तथा नियुक्त सदस्यगण के द्वारा राजीनामा करवाये गये, जिसमें 15705893 अवार्ड राशि पारित की गई तथा 216 पक्षकार लाभान्वित हुए। सिविल एवं चैक बांउस प्रकरणों में प्रकरणो के अनुसार कोर्ट फीस वापसी के आदेश भी दिये गये। उक्त लोक अदालत में प्रिलीटीगेशन के 2244 रखे गये थे जिसमें से 414 प्रकरण निराकृत किये गये जिसमें 3584012 अवार्ड राशि पारित की गई। विधुत विभाग एवं अन्य विभागो द्वारा नियमानुसार छूट भी प्रदान की गयी। उक्त प्रिलेटिगेशन प्रकरणो में बैंकों के प्रकरण, नगरपालिका तथा विद्युत विभाग, बीएसएनएल के प्रकरण भी रखे गये हैं। उपरोक्त प्रकरणों में पारिवारिक विवाद एवं क्लेम प्रकरणों में से कुछ प्रकरण उनके प्रस्तुत होने के कुछ माह के अंदर ही राजीनामा द्वारा निराकृत किये गये। राजस्व न्यायालय एंव नगर पालिका में भी लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त जानकारी नरेन्द्र पटेल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला न्यायाधीश द्वारा दी गई।