बुरहानपुर/शाहपुर -क्षेत्र के ग्राम चापोरा मे महाशिवरात्री के उपलक्ष मे प्रतिवर्षानुसार तीन दिवसीय महाशिवरात्री महोत्सव एवं सत्संग समारोह के तृतीय एवं अंतिम दिवस महाशिवरात्री के दिन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक गुरुवर्य महामडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरीजी महाराज कि उपस्थिती मे पुजारियो व्दारा मंत्रोपचार के साथ 51 लक्ष्मीनारायण के व्दारा सामुहिक रुप से शिवाभिषेक बेलपुष्प फुलहार चढाकर एवं पुजा अर्चनाकर शिवजी का आशिर्वाद लक्ष्मीनारायण ने प्राप्त किया।
जिसमे व्यासपिठ पर विराजित कथावाचक महामंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरीजी महाराज के अमृतवाणी से ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है जनार्दनजी महाराज ने महाशिवरात्री के दिन दोपहर के सत्रह मे कथा मे बताया की इश्वर सेवा ही मनुष्य का धर्म होता है। जो रात्री मे शरीर कथा मे था वही शरीर आज भी महाशिवरात्री के पवित्र दिन कथा मे है लेकिन आज भगवान महादेव का पर्वकाल है हम किसी के शादी मे जाते है तो सजधजकर नए वस्त्र पहनकर जाते है पर्ंतु अन्दरवाला शरीर वही होता है इसि प्रकार आत्मा एक शरीर को छोड देता है आत्मा नये दुसरा शरीर धारन करता है क्योकी आत्मा अजर अमर अविनाशी है इसी प्रकार हमने कपडे बदले है पर अन्दरवाला शरीर वही होता है इस लक्ष्मण जगत के त्यौहारो मे श्रृंगारकर नये कपडे पहनते है।
आज महाशिवरात्री है हमारे बाबा महादेव का दिन है हमे श्रध्दा, भक्ती, उपवास रखकर पुजा अर्चना कर भगवान भोलेनाथ का नामस्मरण, चिंतन कर आशिर्वाद प्राप्त करना चाहिये हम अपने आप को समझने की बात करे एवं मैं शरीर नही आत्मा हू। मै ही शिव हू शिव का अर्थ पवित्र, निर्मल इस प्रकार शिव का अर्थ सरल, सीधा भी होता है जिनको हम आस्था के साथ मनुष्य अलग अलग नामो से पहचानता है कोई भोलेबाबा कहता है तो कोई भोलेनाथ, शिवजी, शंभुनाथ, निलकंठ, एवं महादेव के नाम से पहचानता है यह नाम अलग अलग लेकिन् एक ही भगवान है।
कथा के अंत मे श्रिराम गुरुकुल गौशाला अखिल विश्व गायत्री परीवार गौ लोक धाम खडकोद बुरहानपुर के बच्चों को शिक्षा के साथ साथ संस्कार दिए जाते है जिसका जिता जागता उदाहरण कथा स्थल पर उपस्थित सभी श्रध्दालुओं को योगा किस प्रकार से करना चाहिए साथ ही योगा का प्रयोगकर् स्वस्थ शरीर के फायदे के बारे मे समझाया।