बुरहानपुर- (मेहलका अंसारी)जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र भवन का लोकार्पण आज 22 फरवरी 2020 शनिवार को जिला न्यायालय परिसर में श्रीमति न्यायमूर्ति अंजुली पॉलो पोर्टफोलियो न्यायाधीश जिला बुरहानपुर एवं न्यायाधिपति मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के कर कमलों द्वारा फीता काटकर किया गया।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्री राजेश कुमार कौल, जिला न्यायाधीश श्री वीरेन्द्र एस.पाटीदार, एडीजे श्री नरेन्द्र पटेल, श्री उपेन्द्र सोनकर, पुलिस अधीक्षक श्री बी.एस.बिरदे, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री एम.एल.प्रजापति, श्री संजीव गुप्ता, श्री राकेश पाटीदार, श्री रामसिंह बघेल, शीतल बघेल, आयुष कनेल, रंजना डोडवे, अमित शर्मा, पलक श्रीवास्तव, परिधी शर्मा, चेतन बजाड न्यायाधीशगण तथा राबिन दयाल जिला विधिक सहायता अधिकारी सहित समस्त न्यायालयीन स्टॉफ, शासकीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र भवन के संबंध में श्री नरेन्द्र पटेल के द्वारा इसके निर्माण उद्देश्य के बारे में बताया गया कि यह केन्द्र किस प्रकार बुरहानपुर में लोगों के पारिवारिक एवं अन्य मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझायेंगा।
पोर्टफोलियो न्यायाधीश जिला बुरहानपुर एवं न्यायाधिपति मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर से पधारी श्रीमति न्यायमूर्ति अंजुली पॉलो द्वारा वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र के बारे में जानकारी देते हुए यह हर्ष व्यक्त किया कि यह मेरा बुरहानपुर में प्रथम आगमन रहा है। इस कार्य के लिए एक सकारात्मक पहल की आवश्यकता है।
इस केन्द्र के माध्यम से मध्यस्थता द्वारा कई होने वाले अपराधों को रोका जा सकता है क्योंकि कही न कही न्यायालय द्वारा लिये गये निर्णय से एक पक्ष संतुष्ट तथा दूसरा पक्ष असंतुष्ट रहता है जिससे उसमें बदले की या किसी प्रकार के नुकसान की मंशा रहती है। वहीं यदि यह मामला आपसी समझौते से सुलझ जाये तो किसी भी पक्ष को असंतुष्टि का भाव महसूस नहीं होगा। वे आपस में सामंजस्य स्थापित किये रहेंगे।
इस कार्य के लिए अधिवक्ता संघ से यह अपेक्षा है कि वे अपने पक्षकार को इस ओर अग्रेषित करें तथा मीडिया बन्धुओं से मैं यह पूरी उम्मीद करती हँू कि वे न्यायालय की इस मंशा को लोगों तक पहुंचाये। जिससे उनके बीच होने वाले विवादों को बड़ी ही सरलता, स्पष्टता एवं सहजता से निवारित किया जा सके। ऐसे मामलें जो समझौतें के माध्यम से निराकृत किये जाते है वहां व्यक्ति का पैसा, समय, जटिल न्यायालयीन प्रक्रिया तथा मानसिक संताप जैसी स्थितियों की बचत होती है।
जिला सत्र न्यायाधीश श्री वी.एस.पाटीदार ने बताया कि जिस प्रकार रासायनिक क्रियाओं में उत्प्रेरक की भूमिका होती है। ठीक वहीं भूमिका मध्यस्थ की इस प्रक्रिया में है। रजामंदी से लिये गये निर्णय में दोनों पक्षों में संतुष्टि का भाव होता है। बुरहानपुर जिले में 85 पैरालीगल वालेंटियर्स कार्यरत है जो विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को आपसी समझौतें एवं अन्य योजनाओं से अवगत करा रहे है। लोक अदालत के माध्यम से भी आपसी समझौतें के द्वारा बिखरे परिवारों को पुनः मिलाया जाता है।
नेशनल लोक अदालत के माध्यम से वर्ष 2019 में सुलह एवं समझौते के आधार पर कुल 547 प्रकरणों का निराकरण हुआ। इसी प्रकार मीडियेशन की प्रक्रिया से भी सुलह एवं समझौते के आधार पर 249 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 90 पक्षकारों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करवाई गई। 117 व्यक्तियों को विधिक सलाह दी गई। विभिन्न स्थानों पर 97 विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। पीड़ित प्रतिकरण योजना के तहत कुल 6 प्रकरणों में कुल 11 लाख 33 हजार रूपये की राशि वितरित की गई।
कलेक्टर श्री राजेश कुमार कौल द्वारा इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएँ दी कि यह केन्द्र बुरहानपुर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगा। इसका प्रचार-प्रसार दूर-दूर तक होना अतिआवश्यक है क्योकि जानकारी होने पर न्याय की सार्थकता तभी है जब सभी को समय पर न्याय मिल सकें।