भोपाल- प्रदेशवासियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिये वनकर्मी शिफ्टों में वन्य-प्राणियों और वनों की सुरक्षा साथ कर रहे हैं। वनकर्मी पुलिस कंट्रोल रुम और सार्वजनिक स्थलों में ड्यूटी के साथ दूरस्थ अंचलों में भोजन पैकेट, राशन, मास्क, हैण्डवॉश, सेनीटाइजर आदि का नि:शुल्क वितरण कर रहे हैं। प्रदेश के सीमावर्ती अंचल के गाँवों में दूसरे राज्यों से वापस लौटे मजदूरों की खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ कोरोना के विरुद्ध जागरुकता का भी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
बैतूल वन मंडल के भौरा वन परिक्षेत्र ग्रीन इंडिया मिशन में आदिवासी महिलाएँ 10 हजार मास्क तैयार कर रही हैं। इनके लगभग 6 हजार मास्क का वितरण हो चुका है। अरण्य स्व-सहायता समूह की इन महिलाओं को इस काम से लगभग 50 हजार रुपये की आय संभावित है। इनके बनाये मास्क वन अमले, वन श्रमिक, गाँव से बाहर आने-जाने वाले ग्रामीण को नि:शुल्क दिये जा रहे हैं।
दतिया में गुजरात, दिल्ली आदि अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लौट रहे मजदूरों के लिये वन विभाग द्वारा लगातार खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना वायरस से बचाव की समझाइश के साथ वन कर्मी जगह-जगह पहुँचकर मजदूरों को खाना बाँट रहे हैं। दतिया वन मंडल में दो दिन में लगभग 500 मजदूर वापस अपने गाँव लौटे हैं।
गुना जिले में वन विभाग ने राजस्थान सीमा पर लगातार रहकर लोगों की सहायता की और संक्रमण के प्रति जागरुक किया। औबेदुल्लागंज और गौहरगंज वृत्त के गाँवों में वन कर्मियों ने मास्क, सेनीटाइजर और फूड पैकेट का वितरण किया। हरदा वन मंडल के दूरस्थ रहट गाँव परिक्षेत्र के प्रत्येक गाँव में राशन किट का वितरण किया जा रहा है।
वनांचल के रहट गाँव में आवागमन की सुविधा कम होने के कारण लॉकडाउन के चलते ग्रामवासियों को समीपस्थ बाजार जाने में दिक्कत हो रही थी। होशंगाबाद वन मंडल के अनेक गाँव में अन्य राज्यों से आये प्रवासी ग्रामीणों को खाद्य सुरक्षा के साथ वन रक्षकों ने इनके स्वास्थ्य की जानकारी भी एकत्रित कर प्रशासन को सौंपी।
वन विभाग ने भोपाल स्थित फॅारेस्ट गेस्ट हाउस भी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को सौंप दिया है। आवश्यकता होने पर इसके सभी कक्षों का उपयोग संक्रमित व्यक्तियों को आइसोलेशन में रखने में किया जा सकेगा। भोपाल के पुलिस कंट्रोल रुम में 51 उप वन क्षेत्रपाल, वन पाल और वनरक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। जबलपुर में भी कोरोना पॉजीटिव मरीज की पुष्टि होने के बाद वनग्रामों और वन के समीप स्थित घरों में जा जाकर लोगों को बचाव, उपाय और सावधानियों के प्रति जागरुक किया गया है। ग्रामीणों ने समझाइश पर घर रहने, बार-बार साबुन से हाथ धोने, मुँह पर साफ कपड़ा बाँधने और दूरी बनाकर रहने के नियमों का पालन किया। जबलपुर जिले में काफी हद तक संक्रमण पर नियंत्रण हुआ है।