बुरहानपुर (मेहलका अंसारी) ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के प्रदेश सचिव एडवोकेट सोहेल हाशमी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 11 मई 2020 को नया मोहल्ला व शिकारपुरा की कुछ महिलाएं लगातार 40 दिन से चले आ रहे लॉक डाउन के कारण व विगत 11 दिन से चले आ रहे कर्फ्यू के कारण छोटे बच्चों के दूध, दवाई व अन्य आवश्यक सामग्री ना मिलने के कारण सड़क पर उतर आई थी। उक्त महिलाएं शराब की मांग नहीं कर रही थी, बल्कि विगत 40 दिन से अधिक लॉक डाउनलोड कारण दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी ना मिलने के कारण परेशान होकर मजबूरी में सड़कों पर उतरी थी। क्योंकि एक तरफ प्रशासन ने जहां सामाजिक संगठनों द्वारा की जा रही मदद को बंद कर दिया है, वहीं सब्जी फल फ्रूट व दूध वालों के पास भी कर्फ्यू के कारण निरस्त कर दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में महिलाएं सड़कों पर आकर अगर अपना आक्रोश व्यक्त कर रही थी तो प्रशासन को संवेदनशीलता का परिचय देते हुए उनकी व्यवहारिक परेशानियों को समझ कर दूर करना था, ना कि उन पर मुकदमा दर्ज कर उनकी परेशानी बढ़ाना था। नगर पालिक निगम जैसी मूलभूत संस्था को अपने नागरिकों की समस्याओं पर पैनी नजर रख उसका त्वरित हल निकालने के स्थान पर इंजीनियर जैसे गरिमामय पद पर रहने वाले एक अधिकारी ( गोपाल महाजन) अपने वरिष्ठ अधिकारियों को शराब पहुंचा रहे हैं। नगर निगम को जनता में राहत सामग्री वितरण करने के स्थान पर उसके जिम्मेदार अधिकारी ऐसा घिनौना कार्य कर रहे हैं । प्रशासन ऐसे अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई करने के स्थान पर गरीब असहाय महिलाओं पर केस दर्ज कर रहा है, यह न्याय संगत नहीं है। अधिवक्ता सोहेल हाशमी ने कहा कि पार्टी मांग करती है कि उपरोक्त व्यापक जनहित में, व मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एफ आई आर तुरंत वापस ली जाए।