बुरहानपुर (मेहलका अंसारी) केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित राहत पैकेज पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मध्य प्रदेश लघु उद्योग संघ के प्रदेश सचिव, उद्योगपति एवं समाजसेवी हाजी सैयद फरीद सेठ ने इस प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए केंद्र सरकार के राहत पैकेज का स्वागत किया है। साथ ही कहा है कि राहत पैकेज में व्यवहारिक रूप से कुछ बातें छूट गई है, जिसके लिए मध्य प्रदेश लघु उद्योग संघ के प्रदेश सचिव सैयद फरीद सेठ ने केंद्र सरकार के समक्ष निम्न सुझाव प्रस्तुत किया है एवं निवेदन किया है कि उद्योग जगत के हितों एवं उद्योगों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निम्नांकित बिंदुओं को राहत पैकेज में शामिल किया जाए:-
एमएसएमई के लिये राहत पैकेज जब कहते हैं, जब सरकार*
*(1) लॉक डाउन पीरियड का बैंको व फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट को देय ब्याज का भुगतान सरकार वहन करती*
*(2) लॉक डाउन पीरियड का देय बिजली बिल मिनिमम को बजाय वास्तविक (acutal) यूनिट खपत के आधार में लिया जाता ।*
*(3)लॉक डाउन पीरियड का रेंट ,प्रोपेर्टी टैक्स ,विभागीय फीस, विद्युत बिल, एवं अन्य सरकारी खर्चो को सरकार वहन करती या पूर्णत: माफ करती ।*
*(4)लॉक डाउन पीरियड में कर्मचारियों को देय सैलेरी का कम से कम 75% हिस्सा डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर के तहत सभी कर्मचारियों, जिनकी सैलेरी ₹15000 से कम हो, कर्मचारियों के बैंक खातों में ट्रान्सफर करती।*
*(5) वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये एमएसएमई को इनकम टैक्स दरों में 50%का डिस्काउंट देती ।*
*सरकार ने पूर्ण रूप से आसान शर्तो बिना किसी अतिरिक्त कोलेटरल व मार्जिन मनी के एमएसएमई को बैंको व एनबीएफसी से लोन उपलब्ध कराने की धोषणा की । यह भी एक स्वागत योग्य कदम है। सरकार के पास वर्तमान परिस्थितियों में एमएसएमई पर विश्वास करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नही था, जिससे रोजगार में छटनी को रोका जा सके एवं अर्थव्यवस्था व जीडीपी को वर्तमान स्तर पर बनाया रखा जा सके ।*
इस कदम से इस वर्ष मे होने वाली जीएसटी राजस्व कमी को भी रोका जा सकेगा । इस कदम से सरकार के राजस्व कलेक्शन में कमी दिखाई नही देगी बशर्ते बैंक एमएसएमई को 7 दिन को समय सीमा में एमएसएमई उसकी जरूरत के हिसाब से अतिरिक्त लोन राशि की उप्लब्ध करवा देवे ।
*इस अतिरिक्त राशि को ड्राविंग पावर व अतरिक्त मार्जिन मनी की रेक्विरेमेंट से पूर्णतः मुक्त रखना चाहिये ।*
*इसे पुर्णत: असुरक्षित (unsecured) लोन की सुविधा की तरह दिया जाना चाहिये जो ऑलरेडी पूर्व में दी गई कोलेटरल, डेटर्स ,मोर्टगेज व पर्सनल गारंटी से सुरक्षित है*।
*इस के डिसबर्समेंट करने के लिये नाम मात्र की कागजी कार्यवाही होनी चाहिये, क्योंकि पूर्व के सारे दस्तावेज उनके पास पूर्ववत मौजूद हैं।*
कुल मिला कर जिस तरह तदर्थ (adhoc)लिमिट लेने के लिये कम से कम कागजी जरूरत होती है वह होनी चाहिए। मध्य प्रदेश लघु उद्योग संघ के प्रदेश सचिव सैयद फरीद सेठ ने केंद्र सरकार से उपरोक्त सुझावों को राहत पैकेज में शामिल करते हुए उद्योगों को केंद्र सरकार के राहत पैकेज से लाभान्वित करने की प्रार्थना की है।