लाकडाऊन में कर्मचारियों के साथ अन्याय, कंपनी ने बिना किसी पूर्व सूचना के 46 कर्मचारियों को कोरोना महामारी की स्थिति में किया बेरोजगार
प्रकाशकों के सामने विकराल समस्या, समाधान कौन करेेगा?
कंपनी प्रकाशकों के डाटा का उपयोग तो नहीं कर रही?
ऐसा ना हो गूगल से प्रकाशकों के पेज ही गायब हो जाये?
कोरोना महामारी के बीच हमारे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और हमारे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कंपनियों से अपने कर्मचारियों को बाहर नहीं करने के लिए कही, इस कठिन समय में कंपनी वालों को अपने कर्मचारियों को वेतन देना चाहिए लेकिन सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि लॉकडाउन के बीच नोएडा की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी "डीनेव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड" ने अपने पैन इंडिया के 46 कर्मचारी जो "गूगल नवलेखा" प्रकाशक कार्यक्रम के लिए काम कर रहे हैं, कंपनी ने बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें बाहर कर दिया। जिसकी वजह से नवलेखा से जुड़े प्रकाशकों के सामने बहुत बड़ी़ समस्या आ गई है । प्रकाशक कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उनके प्रश्नों को हल करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने सीधे कहा कि जाओ और गूगल से पूछो क्योंकि उन्होंने हमारी सेवाएं समाप्त कर दी हैं। एक पक्ष गूगल का कहना है कि हम अपने कर्मचारियों को बाहर नहीं कर रहे हैं और दूसरी तरफ वे अपनी परियोजना को समाप्त कर रहे हैं लेकिन इस तरह से 46 कर्मचारी कोरोना महामारी की स्थिति में बेरोजगार हो गये हैं।
ज्ञात हो कि लगभग वर्ष भर पहले नवलेखा ने विश्व विख्यात गूगल के जरिये पूरे देश में एक परियोजना के तहत ऐसे प्रकाशकों की डॉटपेज नाम से 03 साल के लिये नि:शुल्क वेबसाइट बनाई थी। प्रकाशकों से इसके लिये कयी पेज का एग्रीमेंट सरीखे एम.ओ.यू. भी कराया गया था। उस समय इन प्रकाशकों को यही बताया गया था कि नवलेखा के जरिये कम प्रचारित-प्रसारित, छोटे, मँझोले तथा आर्थिक रूप से कमजोर प्रकाशकों को मजबूत किया जायेगा। इस योजना के तहत नवलेखा की ओर से 2-3 बार होटलों में सेमिनार और कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। परन्तु इस लॉकडाउन में इन प्रकाशकों ने वृहद रूप से कार्य करना शुरू किया तो अपने निकाले जाने की सूचना देते हुये कर्मचारियों ने सहयोग करने से साफ मना कर दिया। अब, इन प्रकाशकों के सामने अपनी डॉटपेज वेबसाइट संचालित करने में हो रही परेशानियों से उबारने वाला दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार नवलेखा के साथ डॉटपेज से देश भर में हजारों प्रकाशक जुड़े हैं, इन्हीं कर्मचारियों द्वारा करीब चार हजार ऐसे प्रकाशकों को अपने क्षेत्र की नामचीन ऐडसन्स कम्पनी से भी जोड़ा गया है। इन सभी प्रकाशकों की देखरेख का जिम्मा इन्हीं 46 कर्मचारियों पर था।