बुरहानपुर- लाॅक डाऊन में साइबर ठग एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं। साइबर ठग अब मोबाइल वॉलेट ऐप यूजर्स को भी टार्गेट कर रहे हैं। पेटीएम, फोनपे केवाईसी करवाने के नाम पर या कैशबैक देने के नाम पर ठगी की जा रही है । ऐसा ही ठगी का मामला बुरहानपुर में एक छात्रा के साथ कल हो गया । इसके बैंक अकाउंट से 45 हजार रुपये फोनपे पर कैश बैक ऑफर देने के नाम निकाल लिये गये। जानकारी के अनुसार बुरहानपुर की छात्रा को फोनपे कम्पनी से काॅल आया कि आपको कम्पनी की ओर से 4 हजार पांच सौ रुपये का कैश बैक मिला है आप उसे ले लिजिये । इसे पाने के लिए आप नोटिफिकेशन पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद UPIPIN डाला तो कुल नौ बार सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखा से 45 हजार रुपये का ट्रांजैक्शन हो चुका था । बाद में बैंक से रूपये निकालने का मैसेज आया तो पता चला है कि वह सायबर ठग के द्वारा ठगी जा चुकी है । छात्रा ने तुरंत थाने में जाकर इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है और पुलिस इसकी जांच कर रही है ।
जालसाजों ने अपनाए यह हथकंडे, रहें सतर्क
ईएमआई टलवाने का झांसा देकर धोखाधड़ी, प्रधानमंत्री केयर फंड के नाम पर धोखाधड़ी, फेसबुक आईडी हैक कर ठगी, केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ठगी, प्रोमो कोड / रिवार्ड प्वाइंट / रिडीम देने के नाम पर धोखाधड़ी, राशन वितरण / बेरोजगारी भत्ते के पंजीकरण के नाम पर धोखाधड़ी, रोजमर्रा के सामानों की ऑनलाइन डिलीवरी के नाम पर ठगी, फ्री इंटरनेट / रिचार्ज / ऑनलाइन मूवी चैनल पर पंजीकरण के नाम पर धोखाधड़ी, सरकारी योजनाओं में सब्सिडी के नाम पर धोखाधड़ी, मेडिकल एक्सपर्ट की जानकारी देने के नाम पर धोखाधड़ी, वाहन पास के नाम पर ठगी, यूपी बोर्ड परीक्षा में पास कराने और छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर ठगी।
समझदारी से ले काम ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए खुद को रखे सजग
गूगल पर सर्च करके देखें
अगर आपको कोई फर्जी मेसेज भेजता है, तो यह मेसेज एक साथ कई लोगों को भेजा गया होगा। ऐसे में बेहतर होगा कि इसके ईमेल अड्रैस, फोन नंबर या मेसेज की कुछ लाइनों को गूगल पर सर्च करके देख लिया जाए। इससे पता चलेगा कि क्या लोगों ने इसे रिपोर्ट किया हुआ है?
अकाउंट को रखें ज्यादा सिक्यॉर
अपने अकाउंट पर 2-स्टेप वेरिफिकेशन लगाकर रखें। इस फीचर को ऐक्टिवेट करने पर जब भी किसी नई डिवाइस पर आपका अकाउंट लॉगिन किया जाएगा तो उनसे सिक्यॉरिटी कोड मांगा जाएगा।
- हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत करने से पहले आपके पास धोके से जुड़े सभी कागज़ात मौजूद होना चाहिए।
- जांच-पड़ताल के लिए कम से कम 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट देना जरूरी होता है।
- सभी एसएमएस जिसमें ऑनलाइन फ्रॉड में हुए पैसे की हेरा-फेरी की डिटेल्स मौजूद हों आपके पास होनी चाहिए।
- शिकायत करने के समय, ग्राहक को अपना कस्टमर आईडी और मौजूदा पते की जानकारी देना भी अनिवार्य है।
- हमेशा कोशिश करें कि आप धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायत या एफआईआर अपने संबंधित बैंक ब्रांच में या पुलिस थाने में सबूत के साथ जाएं
- हमेशा ऑनलाइन फ्रॉड का स्क्रीनशॉट लोकेशन के साथ लेक रखें।