हरदा । पिछले पंद्रह माह मे मदरसा शिक्षा पर ग्रहण लग गया है पूर्व कमलनाथ सरकार ने मदरसा शिक्षा पर शिवराज सिंह चौहान सरकार व्दारा किये प्रयासो पर गौर ना करते हुए ठंडे बस्ते में योजनाओं को ड़ाल दिया साथ ही मदरसा शिक्षकों को मानदेय ना मिलने से रोजीरोटी का संकट गहरा गया है । इस संबंध में मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड पूर्व चैयरमैन प्रो. एस . इमादुद्दीन ने बताया कि जो कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यको का दम भरती थी उसी सरकार ने अल्पसंख्यकों के साथ घोर अन्याय किया है । उन्होंने पत्र लिखकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराते हुए बताया कि आपके कार्यकाल मे मदरसा बोर्ड व्दारा मदरसा आधुनिकरण के लिए राशि स्वीकृत कल मदरसा शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए बेहतरीन प्रयास किये गए थे । परन्तु पूर्व कमलनाथ सरकार ने पंद्रह माह मे सब कुछ चौपट कर दिया । भाजपा सरकार व्दारा पहली बार मदरसों के हित मे मध्यप्रदेश के मदरसों को पच्चीस हजार सालाना रखरखाव के लिए दिये जाते थे वहीं यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व्दारा पच्चीस हजार सालाना से बढ़ाकर पचास हजार की घोषणा भी की गई थी । वह राशि भी नाम मात्र के मदरसों मे पूर्व कमलनाथ सरकार ने देकर इतीश्री कर ली गई । जिससे ढाई लाख मदरसों के बच्चों का भविष्य अधर मे दिखाई दे रहा है । यहां तक कि शिक्षकों के मानदेय सहित कोई सहायता नहीं मिलने की वजह से भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं । पूर्व चैयरमैन एस. इमादुद्दीन ने पत्र में बताया कि भाजपा सरकार के दोबारा आ जाने से मदरसा संचालकों मे उम्मीद की किरण जागी है । एस. इमादुद्दीन ने बताया कि लॉकडाउन मे मदरसों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाये साथ ही पूर्व में भाजपा सरकार व्दारा मदरसा शिक्षा पर किये कार्य पुनः संचालित कर आधुनिकीकरण के क्षेत्र में सराहनीय योगदान दिया जाये । कमलनाथ सरकार ने मदरसों की ओर कोई ठोस योजनाओं को कार्यान्वयन ना कर अल्पसंख्यकों के बच्चों के साथ खिलवाड़ किया है ।
हरदा से मुईन अख्तर खान