अपनी बच्ची को सरकारी आंगनवाड़ी में पढ़ने भेजा था कलेक्टर ने
(राजेंद्र के.गुप्ता/धर्मयुद्ध और सनसनी 98270-70242)
इंदौर/खंडवा/खरगौन/बुरहानपुर। मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के खंडवा जिले की महिला कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल, खरगौन कलेक्टर गोपालचन्द्र डाड और बुरहानपुर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जो हिम्मत दिखाई है, वह अन्य ईमानदार अफसरों के लिए मिसाल है, फिर भले ही सरकार सुन्द्रियाल, डाड और क़ौल को हटा दे..., पर सुन्द्रियाल, डाड और सिंह ने शराब, भांग दुकानें बंद रखने का निर्णय लेकर जनता के मन पर जो छाप छोड़ी है, वह प्रदेश और देश की जनता के दिलों पर रहेगी । यह कलेक्टर का अधिकार है कि वो आपदा स्थिति और उस पर नियंत्रण के हिसाब से शासन का आदेश जिलें में लागु करें या नही करें। एक तरफ कोरोना का बढ़ता कहर, दूसरी तरफ शराब दुकानें खोलने की सरकारी जिद ! जनता के स्वास्थ्य और जान को खतरे में डाल कर, मंत्रालय में बैठे अफसरों और नेताओं की कोरोना से बचाव की ये कैसी चिंता ?
पूरे देश में परिवर्तन लाने की पहल करने वाला हो सकता है कलेक्टर का निर्णय -
शराब व भांग की दुकानें बंद रखने का आदेश खरगौन कलेक्टर गोपालचन्द्र डाड ने 2 मई को जारी करके, 11 मई तक शराब व भांग की दुकानें नही खोलने का निर्णय लिया है । हालाँकि अभी खरगौन के ठेके होना बाक़ी है। वहा दिनांक 05 मई को कुछ दुकानों के ठेके हुए भी, पर जानकारी के मुताबिक़ उन पर भी हाईकोर्ट से स्टे हो गया है। कलेक्टर सुन्द्रियाल, डाड और सिंह के ये आदेश पूरे देश में परिवर्तन लाने की पहल करने वाला होकर, तहलका मचा देने वाला हो सकता है...हो सकता है कलेक्टर के इस निर्णय से प्रभावित हो कर अन्य कलेक्टर भी इस तरह के निर्णय लेने की हिम्मत दिखाए ....
कलेक्टर को अधिकार शासन आदेश के बावजूद नही खोलेंगे शराब दुकानें -
शराब दुकानों के खुलने पर, केन्द्र और राज्य सरकारों, स्थानीय प्रशासन के आदेशों, निर्देशों का पालन नही होने की स्थिति पूरे देश के राज्यों से सामने आ चुकी हैं, एक दिन में कई देशों से अधिक कोरोना पॉजिटिव भारत में सामने आ गए । फिर भी म.प्र. में शराब और भांग की दुकानों को खोलने के लिए मंत्रालय में बैठे अफसर और नेता अपने ही आदेशों को बार-बार बदल रहे है। म.प्र. के अधिकतर जिलों में कलेक्टर और आबकारी अफसरों ने शराब और भांग की दुकानों को खोलने की तैयारी कर ली है, जिले के अफसरों की मजबूरी है कि उन्हें मंत्रालय से जारी आदेश का पालन करवाना है, इसलिए वो भी गोले बनवाने में लग गए है, अब पीने वाले इतना ही नियमों का पालन करते है तो पुलिस का काम निश्चित ही नही बढ़ना है और अगर बढ़ता है तो जिम्मेदार कौन होगा ? खैर बड़ी ख़ुश खबर और राहत वाली बात यह है कि पूरे देश और मध्यप्रदेश में सिर्फ खंडवा की महिला कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल, खरगौन कलेक्टर गोपालचन्द्र डाड और बुरहानपुर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने व्यापक जनहित में जनता के स्वास्थ्य और जान की रक्षा के लिए वाणिज्यिक कर मंत्रालय के 05 मई से शराब दुकानें खोलने के आदेश को मनाने से इंकार करते हुए, जिले की शराब और भांग की दुकानें आबकारी अधिनियम और आपदा अधिनियम के तहत जन स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु 17 मई तक नही खोलने का आदेश 05 मई को जारी कर दिया है। इसी प्रकार खरगौन कलेक्टर गोपालचन्द्र डाड ने भी खंडवा आदेश के पहले 02 मई को आदेश जारी करके 11 मई तक शराब दुकानें नही खोलने के निर्देश दिए है। आदेश की प्रति वाणिज्यिक कर मंत्रालय, आबकारी आयुक्त और इंदौर आबकारी उपायुक्त इंदौर सहित दस जिम्मेदार अफसरों और लायसेंसियों को भी भेजी गई है । कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल वो कलेक्टर है जो अपनी बच्ची को सरकारी आंगनवाड़ी में पढ़ने के लिए भेजती है...
खंडवा, खरगौन और बुरहानपुर भारत और प्रदेश के ऐसे जिले बन गए है, जहाँ सरकार के आदेश के बावजूद 11 और 17 मई लॉकडाउन की अवधि तक शराब और भांग की दुकानें नही खुलेंगी । इन तीनों जिलों के कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल, गोपालचन्द्र डाड और प्रवीण सिंह की चर्चा पूरे देश में हो रही है । शराब दुकानें बंद रखने के पक्षधर इनका उदाहरण दे रहे है। इन जिलों में रोज कोरोना मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है और देश के कई राज्यों में शराब दुकानें खुलने पर लॉकडाउन के आदेशों, निर्देशों का पालन नही हो पाना सबके सामने है। हालाँकि देवास, धार सहित कई जिलों में शराब दुकानें खोल दी गई है।