बुरहानपुर(मेहलका अंसारी) शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर के पेश इमाम हजरत सय्यद इकरामुल्लाह बुखारी ने आज 4.28 मिनट का एक वीडियो शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर की सोशल साइट पर अधिकृत रूप से अपलोड किया है। लाक डॉउन की अवधि में यह दूसरा अवसर है, जब उन्होंने बुरहानपुर की जनता को संबोधित किया है। इसके पूर्व उन्होंने 22 मार्च 2020 को सोशल मीडिया के माध्यम से संबोधित किया था। शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर के पेश इमाम हजरत सय्यद इकरामुल्लाह बुखारी के बारे में यह बात प्रसिद्ध है कि वे अपने उपदेशों के माध्यम से देश हित में और समाज हित प्राय: कड़वी सच्चाई की बात बोलते हैं। वे अपने व्यवहार एवं स्वभाव के अनुसार मीडिया जगत से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हैं और समाज हित के कामों को व्यवहारिक रूप से करने में विश्वास रखते हैं। सोशल मीडिया के द्वारा आज के संबोधन में हजरत सय्यद इकरामुल्लाह साहब बुखारी ने विनम्रता के साथ बुरहानपुर वासियों से निवेदन किया है कि वे बहुत ज्यादा सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि मैं शुरू दिन से ही यह कह रहा हूं कि यह एक संक्रामक बीमारी है, इसका मजाक मत बनाओ, बहुत ज्यादा एहतियात करो। घर और गली से बाहर जा रहे लोगों को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि यह आपके लिए हानिकारक है। परेशानी का कारण बन सकता है। उन्होंने पुन: अपील की कि कृपा करके सीरियस हो जाओ और घर में हो जाओ। अगर हम इस संक्रामक बीमारी के दौरान आप घर पर रुक कर सावधानी बरत लें तो अल्लाह हम पर रहम कर देगा। यह इबादत का महीना है। इसको हम घर पर रहकर ज्यादा से ज्यादा इबादत में व्यस्त रखें। इसके साथ ही उन्होंने बुरहानपुर के जनमानस से अपील की कि आपको, आपके परिवार को या आपके मोहल्ले में सर्दी, जुकाम, या बुखार या ऐसी कोई बीमारी महसूस होती हो तो खुद आगे आकर अस्पताल वालों को इसकी सूचना दें। छुपाएं नहीं। उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म की मान्यता, आस्था और विश्वास के अनुसार हमारा अटल विश्वास है, कि मौत का समय अल्लाह के यहां से पहले से ही निश्चित है। मौत से डर कर इलाज से या अस्पताल से बचना नहीं है। अपने संबोधन में उन्होंने इस बीमारी की सूचना देने के लिए सिविल सर्जन डॉक्टर शकील अहमद खान, कलेक्टर, एसपी या पुलिस अधिकारियों को सूचना देने की जनमानस से अपील करते हुए अपने घर परिवार को छोड़कर ड्यूटी कर रहे समस्त शासकीय सेवकों, जन सेवकों, पुलिस अधिकारियों, नगर निगम अधिकारियों एवं कर्मचारियों, मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ के प्रति उन्होंने हार्दिक आभार व्यक्त किया। हज़रत सैयद इकरामुल्लाह बुखारी ने अपनी बात को समाप्त करने के पूर्व इस बात को स्पष्ट किया कि हम पर अत्याचार नहीं हो रहा है बल्कि हमको बचाया जा रहा है। और आप लोग जिहालत (निरक्षरता) के आधार पर अत्याचार समझ रहे हो। उन्होंने अल्लाह से सबके लिए इस बीमारी से शिफा की दुआ करते हुए अपनी बात समाप्त की।