बुरहानपुर(मेहलका अंसारी) मध्यप्रदेश शासन की सेवा से सन 2002 में सेवानिवृत्त हुए खाद्य निरीक्षक एवं दानिश स्कूल चंद्रकला बुरहानपुर के संस्थापक हाजी सैयद इरशाद मीर उम्र लगभग 78 वर्ष का हार्ट अटैक से 17 नवंबर 2020 मंगल की रात्रि लगभग 9:00 बजे स्थानीय एप्पल हॉस्पिटल में निधन हो गया। उनका संबंध बुरहानपुर की भारत प्रसिद्ध दरगाह हज़रत शाह भिकारी RA के सज्जादा नशीन एवं मुतावल्ली के परिवार से है। स्वर्गीय मीर के पिता कॉमरेड सैयद महमूद मीर भी एक प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली व्यक्ति थे।
उनका जनाजा आज 18 नवंबर 2020 को प्रातः 9:00 बजे उनके निवासित मकान दाऊद पुरा, बोहरा जमात खाने के निकट से उठाया गया, जिसमें शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर के पेश इमाम सैयद इकराम उल्ला बुखारी, बुरहानपुर के जिला शिक्षा अधिकारी सैयद अतीक अली, हज वेलफेयर सोसाइटी की मध्य प्रदेश इकाई की उपाध्यक्ष हाजी मतीन अजमल, वरिष्ठ अधिवक्ता खलील अंसारी अशरफी, सामाजिक कार्यकर्ता इकबाल अंसारी आईना, सलीम अख्तर अंसारी अमर ग्राफिक्स, खंडवा के प्रख्यात शायर सुफियान क़ाज़ी, बुरहानपुर के प्रख्यात शायर तफ़ज़ील ताबिश, शिक्षा विभाग से जुड़े अनेक शिक्षक गण, सहित नगर की प्रतिष्ठित एवं सम्माननीय राजनैतिक सामाजिक एक धार्मिक व्यक्तियों ने शिरकत की। उन्हें दरगाह हजरत शाह भिकारी से लगत कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। मरहूम के जनाजे की नमाज शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर के पेश इमाम सैयद इकरामुल्लाह बुखारी ने पढ़ाई। दिवंगत हाजी सैयद इरशाद मीर ने सेवानिवृत्त होने के साथ दानिश स्कूल के नाम से चंद्रकला बुरहानपुर में एक स्कूल की स्थापना की थी, जो आज भी स्थापित है। उन्हें सन 1996 और सन 2001 में हज पर जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। दिवंगत के परिवार में पत्नी के अलावा 6 लड़के हैं जो उच्च शिक्षित एवं स्थापित हैं। इनका एक भांजा यमीन सिद्दीकी शिक्षा विभाग बुरहानपुर में कार्यरत है।