(चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण)
नीमच। श्री हृदेश, सत्र न्यायाधीश, नीमच द्वारा अवैध संबंधो के चलते षड़यंत्रपूर्वक पति की हत्या करवाने वाली आरोपीया पत्नी संजुबाई पति मोहन ब्राम्हण, उम्र-30 वर्ष निवासी ग्राम छीपा, थाना रतनगढ, उसके प्रेमी सलमान उर्फ सल्लु पिता ईकलाख हुसैन पठान, उम्र-30 वर्ष, निवासी कुमार मोहल्ला, थाना रतनगढ एवं साथी शराफत उर्फ कालु पिता अब्दुल रफीक, उम्र-34 वर्ष, निवासी नबी दरवाजा, रतनगढ को भादवि की विभीन्न धाराओं में आजीवन कारावास एवं कुल 200-200रू. जुर्माने से दण्डित किया।
घटना का विवरण - जिला अभियोजन अधिकारी श्री जगदीश चैहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 24.06.2018 को हाईवे रोड जमुनिया के पास बीच रोड पर लाश पडी होने कि सूचना मिली। पुलिस द्वारा उसका पोस्टमार्टम कराकर उसकी पहचान हेतू फोटो स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुपो में भेजे जिससे शव पहचान मनोज पिता शांतिलाल ब्राम्हण, उम्र 35 साल नि. रतनगढ की होना पता चला। पोस्टमार्टम में पता चला कि मृत्यु गला घोटने से हुई हैं व मृत्यु को दुर्घटना दिखाने के लिये लाश को रोड पर फेंक दिया गया, इस कारण अज्ञात आरोपीयों के विरूद्ध थाना नीमच सिटी में अपराध क्रमांक 283/18 धारा 302, 201 भादवि का पंजीबद्ध किया गया। विवेचना से पुछताछ से पता चला कि मृतक की पत्नी आरोपीया संजुबाई के अवैध संबंध आरोपी सलमान से थे, जिसका पता मृतक को चल गया था। आरोपीया संजुबाई ग्राम जावी विवाह कार्यक्रम में सम्मिलीत होने आई थी, जिसमें सम्मिलीत होने मृतक मनोज दिनांक 24.06.18 को शाम को मोटरसाईकल से निकला था, जिसकी जानकारी आरोपीया संजुबाई ने आरोपी सलमान को देकर रास्ते में ही मनोज की हत्या करने का षड़यंत्र किया। जिस कारण आरोपी सलमान व उसके साथी शराफत ने मृतक का पीछा करते हुए ग्राम जमुनीया व सेमली चैधरी के बीच अंधेरे में मौके का फायदा उठाते हुवे मृतक की मोटरसाईकल को रोककर, गला घोंटकर उसकी हत्या कर, शव को एक्सीडेंट का रूप देने के लिए रोड पर फेंक दिया। विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार कर शेष विवेचना पूर्ण कर अभियोग-पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया।
माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान महत्वपूर्ण साक्षी मृतक के पुत्र अजय द्वारा घटना का समर्थन नहीं किया गया, इसके उपरांत भी प्रकरण में परिस्थितिजन्य साक्ष्य जैसे आरोपीगण की वाट्स अप चैंटिग, काॅल डिटेल, टाॅवर लोकेशन के आधार पर अपराध को प्रमाणित कराकर आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। जिससे सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को धारा 302/34, 120बी भादवि आजीवन कारावास एवं धारा 201 भादवि में 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 200-200रू जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन श्री जगदीश चैहान द्वारा की गई।