जिला अभियोजन सहायक मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि पीड़िता ने थाना मातगुवां में उपस्थित होकर लिखित रिपोर्ट पेश की कि घटना दिनांक 10 मई 2017 को शाम 9 बजे वह नित्य क्रिया से वापस आ रही थी तभी नरवा तरफ से आरोपी पीछे से आया तथा बुरी नियत से उसे पकड लिया और छेडछाड करने लगा तो वह चिल्लाई तो उसका भाई आ गया तब आरोपी भाग गया।
उसके भाई ने भी आरोपी को भागते हुये देखा। आरोपी कह रहा था कि यदि रिपोर्ट किया तो तुम्हे जान से मार दूंगा। उक्त लिखित आवेदन के आधार पर थाना मातगुवां में आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया और सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी प्रवेश अहिरवार ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत और गवाह कोर्ट के सामने पेश किए। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमति नोरिन निगम की अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 में 3 साल की कठोर कैद के साथ 2000 रूपये के जुर्माना की सजा सुनाई।