शाजापुर। विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 एवं द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला शाजापुर द्वारा आरोपी मजिद खॉं पिता हीरे खां जाति पिंजारा उम्र 60 वर्ष निवासी बैरछा मंडी को भा.द.वि. की धारा 376 (क,ख) के अधीन दोषसिद्ध ठहराते हुए अजीवन कारावास से एवं 25,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया, अर्थदण्ड के संदाय में व्यतिक्रम होने पर 3 वर्ष के सश्रम कारावास से भी दण्डित किया गया एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 की धारा 5(ड)/6 के अधीन दोषसिद्ध ठहराते हुए आजीवन कारावास से एवं 25,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ,
अर्थदण्ड के संदाय में व्यक्तिक्रम होने पर 03 वर्ष के सश्रम कारावास से भी दण्डित किया गया। अर्थदण्ड की राशि जमा होने पर उसमें से 50,000 रूपये प्रतिकर स्वरूप उत्तरजीवी को उसकी संरक्षक माता के माध्यम से प्रदान किए जाने का आदेश दिया गया।
सहायक मिडिया प्रभारी रमेश सोंलकी अतिरिक्त डीपीओ शाजापुर ने बताया कि, दिनांक 30.03.2019 के 11:30 बजे दिन को बालिका उम्र 4 वर्ष खेलने के लिए आरोपी के घर गई थी, आरोपी के परिवार वाले शादी में बाहर गये हुए थे, आरोपी ने बालिका को अकेला पाकर बालिका के साथ गलत हरकत की। बालिका ने दर्द होने पर उक्त बात रात में अपनी दादी और मम्मी को बताई, जिसकी रिपोर्ट पीडिता की दादी ने थाना बैरछा पर लिखाई थी। प्रकरण में अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय शाजापुर में पेश किया गया। प्रकरण में विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से सुश्री प्रेमलता सोलंकी उपसंचालक अभियोजन एवं श्री रमेश सोलंकी अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला शाजापुर द्वारा पैरवी की गई।